Shivpuri news: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में किन्नर समुदाय द्वारा शादी-विवाह और जन्मोत्सव जैसे कार्यक्रमों में मनमानी वसूली का मुद्दा अब खुलकर सामने आ गया है. बढ़ती शिकायतों से परेशान स्थानीय व्यापारी और समाज के लोग जिला कलेक्टर के पास पहुंचकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि किन्नर समुदाय द्वारा तय रकम के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है, जिसे रोकने के लिए निश्चित रेट तय होना जरूरी है.
मनमानी वसूली से बढ़ी नाराज़गी
हाल के दिनों में शिवपुरी में किन्नरों द्वारा किसी भी शादी, जन्मोत्सव या मांगलिक कार्यक्रम में मनमाने तरीके से पैसे मांगने की घटनाएं बढ़ गई थीं. व्यापारियों और समाज के लोगों का कहना है कि कई बार यह वसूली इतनी ज्यादा होती है कि आम परिवार के लिए उसे देना मुश्किल हो जाता है.
कलेक्टर कार्यालय में व्यापारियों ने सौंपा ज्ञापन
अवैध वसूली से परेशान होकर शिवपुरी के कई व्यापारियों और अग्रवाल समाज के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर जिला कलेक्टर और एसपी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कहा कि इस तरह की जबरदस्ती नगर में लगातार तनाव पैदा कर रही है और इसे तुरंत रोकना चाहिए.
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों पर पड़ रहा बोझ
समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि किन्नर समुदाय कई बार विवाह, पुत्र जन्म या त्योहारों पर भारी रकम की मांग करता है. परिवार यदि देने में असमर्थ हो जाए, तो गाली-गलौज, हंगामा और विवाद जैसी स्थिति तक बन जाती है, जिससे समारोह में मौजूद लोगों के सामने संबंधित परिवार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है.
रेट कार्ड जारी करने का सुझाव
व्यापारी और समाज के लोगों ने प्रशासन को एक प्रस्ताव भी सौंपा है, जिसमें किन्नरों के लिए निश्चित शुल्क तय करने की मांग की गई है. प्रस्तावित रेट कार्ड के अनुसार...
- पुत्र विवाह : 2100 रुपये
- पुत्र जन्म : 1100 रुपये
- दीपावली व त्योहार : 50 रुपये
लोगों का कहना है कि इससे अवैध वसूली पर रोक लगेगी और किसी भी परिवार पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा.
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शिकायत से पहले हुई समाज की बैठक
ज्ञापन देने से पहले मध्यदेशी अग्रवाल धर्मशाला में समाज की बैठक हुई. बैठक में लोगों ने बताया कि किन्नर शादी समारोहों से लेकर रेस्टोरेंट तक में 21 हजार रुपये या उससे अधिक की मांग कर देते हैं. कई परिवार आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद दबाव में रकम चुकाने को मजबूर हो जाते हैं.
प्रशासन से कार्रवाई की अपील
समाज ने प्रशासन से अपील की है कि इस मामले पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाए. उनका कहना है कि यदि स्पष्ट नियम बना दिए जाएं, तो न परिवारों को परेशानी होगी और न ही कार्यक्रमों में विवाद की स्थिति बनेगी.
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