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This Article is From Aug 28, 2023

अंग्रेजों की मदद से बनाया गया था ये शिव मंदिर, जानें खास बातें 

अंग्रेजों ने भारत पर सैकड़ों वर्षों तक शासन किया जहां उन्होंने कई चर्च आदि बनाये. भारत में एक मंदिर ऐसा भी है, जिसे ब्रिटिश दंपत्ति ने बनवाया था.

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अंग्रेजों की मदद से बनाया गया था ये शिव मंदिर, जानें खास बातें 

आगर मालवा: अंग्रेजों ने सैकड़ों वर्षों तक भारत पर शासन किया, जहां उन्होंने कई चर्चों का निर्माण किया. लेकिन भारत में एक मंदिर ऐसा भी है जिसे ब्रिटिश काल में बनवाया गया था. यह मंदिर बैजनाथ महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसे ब्रिटिश दंपत्ति ने बनवाया था.


1879 के युद्ध से जुड़ी है कहानी 

इस मंदिर की कहानी 1879 की ब्रिटिश भारत की है, जहां लेफ्टिनेंट कर्नल सी मार्टिन आगर मालवा इलाके में तैनात थे. ब्रिटिश भारतीय सेना अफगान के खिलाफ लड़ाई लड़ रही थी. इसी दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन को भी 1879 में सीमा पर भेजा गया था. सीमा पर पहुंचने के बाद, लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन ने अपनी पत्नी को पत्र भेजना शुरू किया. उनकी भलाई के लिए चिंतित थे.


युद्ध के दौरान कर्नल के साथ हुआ ये 

दोनों एक दूसरे से दूर थे...लिहाज़ा मार्टिन और उनकी पत्नी दोनों केवल पत्र के ज़रिए ही अपने कुशल होने की खबर भिजवाते थे. कुछ महीने बीत गए और एक दिन झगड़ा बढ़ गया. अफगानी अंग्रेजों से बराबर की लड़ाई लड़ रहे थे, ऐसे में धीरे-धीरे कर्नल का अपनी पत्नी को पत्र भिजवाना कम होने लगा. एक दिन ऐसा भी आया जब पत्र भेजना ही बंद हो गया. तब उनकी पत्नी की चिंताएं बढ़ने लगीं.


कर्नल की पत्नी गई थी शिव मंदिर 

इधर, मार्टिन की पत्नी को पत्र न मिल पाने से वो न सिर्फ परेशान रहने लगी बल्कि इससे उनका स्वास्थ्य भी प्रभावित था. एक दिन मार्टिन की पत्नी अपने घोड़े की सवारी करते हुए बैजनाथ महादेव मंदिर के पास से गुजरी. शंख और मंत्रों की मंद ध्वनि ने उन्हें काफी आकर्षित किया. इसके बादवह मंदिर के अंदर चली गई.


11 दिनों तक शिव नाम का किया था जप 

मार्टिन की पत्नी ने अंदर जाकर पुजारी को अपनी परेशानी बताई. पुजारी ने महिला को आश्वाशन दिलाते हुए कहा कि हमारे मंदिर से कोई भी निराश नहीं लौटता. साथ ही उन्होंने मार्टिन की पत्नी को 11 दिनों "ओम नमः शिवाय" मंत्र का जप करने की सलाह दी. कहा जाता है कि मार्टिन की पत्नी ने भगवान शिव से प्रार्थना की कि अगर उसका पति सही सलामत घर पहुंच जाए, तो वह इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाएगी.


शिव के जप से हुआ चमत्कार 

ठीक दसवें दिन उनकी पत्नी को अफगानिस्तान में युद्ध में फंसे कर्नल मार्टिन का पत्र मिला. उस पर लिखा था, ''युद्ध के दौरान मैं लगातार आपको पत्र लिख रहा था, लेकिन अचानक पठान सेना ने हमें घेर लिया. मुझे लगा कि हमारे बचने का कोई मौका नहीं है. लेकिन इस युद्ध के मैदान में मैंने अपनी आँखों से एक चमत्कार होते देखा है.


दोनों पति-पत्नी बने शिव भक्त 

यह संदेश पढ़ते ही मिसेज मार्टिन की आँखों में खुशी के आँसू छलक पड़े, जिसमें भगवान शिव के प्रति उनकी आस्था और भक्ति का भाव साफ झलक रहा था. वह भगवान शिव की मूर्ति के चरणों में लेट गई और रोने लगी. कुछ दिनों बाद जब कर्नल मार्टिन वापस आये तो उनकी पत्नी ने उन्हें पूरी कहानी बताई.


.... ऐसे हुआ शिव मंदिर का पुर्निर्माण 

अब वे दोनों भगवान शिव के पक्के भक्त बन गये थे. 1883 में दोनों ने मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए 15,000 रुपये का दान दिया, जो उस समय के लिए कोई छोटी रकम नहीं थी. यह कहानी बैजनाथ महादेव मंदिर में रखे एक पत्थर पर आज भी लिखी हुई है.

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