
Sheopur News: श्योपुर (Sheopur) जिले की ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार (Corruption) और घोटाले के मामले थमते नहीं दिख रहे हैं. एक तरफ सरकार गांव से लोगों के पलायन को रोकने और ग्रामीण इलाकों में रोजगार देने के लिए पंचायतों में मनरेगा के जरिए मजदूरी उपलब्ध करवा रही है ताकि लोगों को गांव में रहकर ही मजदूरी मिल सके. वहीं दूसरी ओर पंचायतों में गरीब की मजदूरी पर सरपंच और सचिव डाका डाल रहे हैं.
श्योपुर जनपद की बेहडावद ग्राम पंचायत में सरपंच और सचिव ने मिलकर रोजगार गारंटी मनरेगा योजना में गरीब को मिलने वाली मजदूरी में बड़ा फर्जीवाड़ा करते हुए करीब 1.75 लाख रुपए की राशि का घोटाला कर दिया. सरपंच हंसराज मीणा ने मनरेगा में अपनी पत्नी, बेटी, बहू और बेटे सहित 8 रिश्तेदारों को मजदूर बनाकर उनके फर्जी जॉब कार्ड बनाए और पंचायत सचिव की मिलीभगत से करीब पौने दो लाख रुपए की मजदूरी की राशि उनके खातों में डालकर निकाल ली.
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जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
इधर पंचायत में गांव के लोगों को मनरेगा से किए जाने वाले निर्माण और विकास कार्यों में मजदूरी नहीं दिए जाने की शिकायत के बाद श्योपुर कलेक्टर संजय कुमार ने बेहडावद पंचायत में मनरेगा के कामों की जांच करवाई. कलेक्टर संजय कुमार के जांच के आदेश के बाद 3 अफसरों की टीम ने बेहडावद पंचायत में मनरेगा के कार्यों के रिकॉर्ड की फाइलों को 8 दिनों की जांच के दौरान खंगालते हुए सरपंच के परिवार के लोगों के फर्जी मजदूर बनने का खुलासा हुआ.
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पुलिस ने दर्ज किया मामला
टीम की जांच में सरपंच के परिवार के लोगों के फर्जी जॉब कार्ड बनना पाया गया, जिसमें उनके खाते में सचिव की साठ गांठ से मजदूरी की राशि डालना पाया गया. मनरेगा में बेहडावद सरपंच के परिवार के लोगों को फर्जी मजदूर बनाकर मजदूरी की राशि का फर्जीवाड़ा और घोटाला करने के मामले में श्योपुर जनपद पंचायत के सीईओ एस एस भटनागर की शिकयत पर बेहडावद के सरपंच हंसराज मीणा और पंचायत सचिव बाल मुकुंद मीणा के खिलाफ बडौदा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.