श्योपुर में मानसून की बेरूखी ने किसानों को रूला दिया है. बारिश के अभाव में खेत में लगी घान की फसल बर्बाद हुए जा रही है. इससे किसानों को बड़ा नुकसान होता हुआ दिख रहा है. श्योपुर शहर सहित ग्रामीण इलाको में पिछले डेढ़ महीने से जायदा वक्त गुजरने के बाद भी मानसून मेहरबान नहीं हो रहा है.
बारिश ने बढाई परेशानी
इस जिले में बारिश की कमी के चलते किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं. जिले के कई ग्रामीण इलाको में बारिश नहीं होने से धान लगे कई खेतों की जमीन सूख गई है और जमीन में दरारें भी पड़ गई हैं. कही धान की फसल पूरी तरह से चौपट होने के कगार पर है तो कहीं ऐसा हो भी गया है.
नहीं मिल पा रहा चंबल नहर का फायदा
आसमान से बारिश की राह देख रहे किसानों का सब्र जवाब दे चुका है. चंबल नहर से श्योपुर के कुछ गांवों में फसलों की सिंचाई हो जाती है लेकिन श्योपुर के अधिकतर गांव चंबल नहर के पास नहीं हैं जिससे उन्हें चंबल नहर का फायदा नहीं मिल पा रहा है वहीं बारिश ना होने से भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है जिससे बोरवेल से सिंचाई करना संभव नहीं हो पा रहा है. पानी आसमान से नहीं आ रहा है लेकिन किसान की आंखों से आंसू के रूप में पानी जरूर आ रहा है.
फसल को उजाड़ रहे किसान
बारिश ना होने से निराश किसानों ने अपने खेत में लगी धान की फसल को उजाड़ना शुरू कर दिया है. जिले के कई हिस्सों से किसानों की धान की फसल पर ट्रैक्टर चलाने की तस्वीरें भी सामने आने लगी हैं. श्योपुर के ग्रामीण इलाको में बारिश नहीं होने से मजबूर हुआ किसान अब खेत में लगी धान की फसल पर ट्रैक्टर चला रहा है और खेत को दूसरी फसल के लिए जोतना शुरू कर रहा है.