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This Article is From May 16, 2024

गुहार सुनो सरकार ! MP के PHE मंत्री के विधानसभा में ही बूंद-बूंद पानी को मोहताज हैं लोग

सूबे की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय यानी PHE मंत्री संपत्तिया उइके के ही विधानसभा क्षेत्र में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए जर्बदस्त संघर्ष कर रहे हैं. पानी लेने के लिए महिलाओं को 2 किलोमीटर से ज्यादा दूर जाकर खतरनाक कुएं से पानी लेना पड़ा है. ये हाल है मंत्री महोदया के मंडला विधानसभा (Mandla Assembly) क्षेत्र के ग्राम पंचायत घाघा (Gram Panchayat Ghagha) और उसके आसपास के टोले का.

गुहार सुनो सरकार ! MP के PHE मंत्री के विधानसभा में ही बूंद-बूंद पानी को मोहताज हैं लोग

Madhya Pradesh News: चिराग तले अंधेरा...एक पुरानी कहावत है लेकिन वो मध्यप्रदेश के मंडला इलाके (Mandla News) में फिट बैठती है. दरअसल सूबे की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय यानी PHE मंत्री संपत्तिया उइके के ही विधानसभा क्षेत्र में लोग बूंद-बूंद पानी के लिए जर्बदस्त संघर्ष कर रहे हैं. पानी लेने के लिए महिलाओं को 2 किलोमीटर से ज्यादा दूर जाकर जर्जर कुएं से पानी लेना पड़ता है. ये हाल है मंत्री महोदया के मंडला विधानसभा (Mandla Assembly) क्षेत्र के ग्राम पंचायत घाघा (Gram Panchayat Ghagha) और उसके आसपास के टोले का. ऐसा नहीं है गांव में नल जल योजना नहीं है...योजना के तहत नल और पाइप तो लगे हैं लेकिन उनसे पानी नहीं निकलता. जिम्मेदार मंत्रियों से बात करने पर वो आश्वासनों का पिटारा खोल देते हैं. 

Water Shortage: ग्राम पंचायत घाघा में महिलाएं सुबह होते ही पानी लेने के लिए निकल पड़ती हैं.

Water Shortage: ग्राम पंचायत घाघा में महिलाएं सुबह होते ही पानी लेने के लिए निकल पड़ती हैं.

 ग्राम पंचायत घाघा में आप सुबह-सुबह जाइएगा तो हर गली में आपको महिलाएं हाथ में बर्तन लेकर पानी लेने के लिए जाते हुए दिख ही जाएंगी. ये महिलाएं टोली बनाकर पानी जाने जाती हैं. विडंबना देखिए ये हाल तब है जबकि एक महिला ही न सिर्फ उनकी प्रतिनिधि हैं बल्कि इसी विभाग की कैबिनेट मंत्री भी हैं. ग्रामीणों ने कई बार पानी की शिकायत की. ग्रामीओं ने कलेक्टर से लेकर CM हेल्पलाइन तक अपनी बात रखी लेकिन नतीजा सिफर ही रहा.

हां कई बार ऐसा जरूर हुआ कि शिकायत करने पर गांव में नल जल योजना के तहत लगे नलों में एक-दो दिनों के लिए पानी आ जाता है और फिर वो भी बंद हो जाता है.

ग्रामीणों की किस्मत में कुएं से पानी लाना ही रह जाता है. जब NDTV ने इस मामले में PHE विभाग के इंजीनियर विनेश उइके से बात की तो उन्होंने कहा कि अभी वहां ट्यूबबेल और पुरानी योजना के तहत ही पानी मिल रहा है. नई योजना शासन को भेजी गई है. स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा. 

दूसरी तरफ PHE मंत्री संपत्तिया उइके से जब हमने बात की तो उन्होंने दूसरी ही बात कही. उन्होंने स्वीकारा की गांव में समस्या है और उसे दूर करने का आश्वासन भी दिया. 

उस गांव में ट्यूबवेल के लिए जमीन खोदने पर मशीन ही धंस जाती है. एक हैंडपंप में तो पानी में फ्लोराइड भी आ गया था. इस वजह से महिलाओं को दूर से पानी लाना पड़ता है. हम जल्द ही इस समस्या से ग्रामीणों को निजात दिलाएंगे. 

संपत्तिया उइके

PHE मंत्री, मध्यप्रदेश

अब देखना ये है कि सालों साल आश्वासन के भरोसे जी रहे घाघा और उसके आसपास के गांव के लोगों को असल में पानी की समस्या से कब मुक्ति मिलती है. 

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