विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Sep 18, 2023

महंगाई की मार से परेशान मूर्तिकार, कम खरीदारी के चलते कीमतों में इजाफा 

मूर्तिकार भी महंगाई की मार से अछूते नहीं है. कल मंगलवार से विघ्नहर्ता गणेश की भक्ति और उल्लास का 10 दिवसीय उत्सव शुरू होगा. घर-घर और पंडालों में स्थापित होने वाली प्रतिमाएं देखने में कितनी भव्य और शालीन लगती है.

Read Time: 8 min
महंगाई की मार से परेशान मूर्तिकार, कम खरीदारी के चलते कीमतों में इजाफा 
(महंगाई की मार से परेशान मूर्तिकार)

आगर मालवा: एक तरफ आम आदमी से लेकर मध्यम वर्ग हर कोई महंगाई से परेशान है. वहीं मूर्तिकार भी महंगाई की मार से अछूते नहीं है. कल मंगलवार से  विघ्नहर्ता गणेश की भक्ति और उल्लास का 10 दिवसीय उत्सव शुरू होगा. घर-घर और पंडालों में स्थापित होने वाली प्रतिमाएं देखने में कितनी भव्य और शालीन लगती है. लेकिन वहीं दूसरी ओर गणेश प्रतिमाओं को बनाने वाले परिवार इस बार परेशान दिख रहे है. मूर्ति बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के दाम भी लगभग बीस प्रतिशत बढ़ गए है. इसी कड़ी में लागत बढ़ने से मूर्तियों के पूरे दाम नहीं मिल पा रहे है. ग्राहक बड़ी मूर्तियों को छोड़ कर छोटी मूर्तियों का रुख कर रहे है. 

महंगाई की मार से बेहाल मूर्तिकार

Latest and Breaking News on NDTV

हिंदू मान्यताओं की मानें तो, सौभाग्य ज्ञान और समृद्धि के लिए माने जाने वाले गणेश जी के जन्मोत्सव के प्रतीक रूप में गणेशोत्सव मनाया जाता है. अलग-अलग रंगो और साजो-सामान से सजी हुई इन मूर्तियों के पीछे कई सारी तकलीफ भी है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 200 किलोमीटर दूर आगर मालवा में नेशनल हाईवे के किनारे नरेंद्र प्रजापत मूर्तियों का कारोबार करते हैं. कई सालों से नरेंद्र प्रजापत के परिवार की रोजी-रोटी का साधन मूर्तीकारी है. नरेंद्र के हाथों से बनी हुई यह मूर्तियां अब महंगाई की जद में आ गई है. मूर्ती बनाने में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टर ऑफ पेरिस, तमाम किस्म के रंग और सजावट का सामान, इन सब की कीमतों पर करीब बीस प्रतिशत तक का इजाफा हो गया है. जिसके चलते मूर्ती बनाने वाले परिवारों के सामने संकट खड़ा हो गया है. 

मूर्तियां भी हुईं काफी महंगी

हाथों में ब्रश लेकर मूर्तियों को अंतिम रूप देते हुए नरेंद्र प्रजापति कहते है कि "इस बार मंदी बहुत ज्यादा चल रहा है. बड़ी/विशाल मूर्ती की बहुत मंदी है. लोग मोल-भाव बहुत कर रहे हैं. जो कीमत बता रहे हैं वह आ नहीं रही है. हमारी जो लागत आ रही है उसे केवल 100 ₹200 का प्रॉफिट ही मूर्ती में मिल रहा है. " 

"हर साल नॉर्मली रेट बढ़ता है. पिछले साल जितने में मूर्ती हम देते थे. उतने में ही इस बार भी बता रहे हैं लेकिन लागत जो है वह तो बढ़ गई है. मैटेरियल जो है वह बढ़े हुए भाव में आया है. बढ़ा हुआ दाम हमको नहीं मिल पा रहा." 
Latest and Breaking News on NDTV

एक बड़ी मूर्ती पर लगा हुआ गोल्डन कलर दिखाते हुए नरेंद्र कहते है "जो कलर दिख रहा है गोल्डन कलर..... वह ही सबसे ज्यादा महंगा होता है. बाकी सब नॉर्मल कलर है, जो हर साल में कीमत बढ़ती है वही बढ़ी है सब सामग्री हम इंदौर से लेकर आते हैं. "

" प्लास्टर ऑफ पेरिस की बोरी जो मूर्ती बनाने में कामआती है वह हमें पिछले साल 120 रुपए के आसपास आई थी लेकिन इस बार हमें 140 रुपए में मिली है. मतलब ₹20 बढ़ गया है और मूर्ती की कीमत वही है जो पिछले साल थी." नाराजगी का भाव नरेंद्र के चेहरे पर साफ झलकता है.

"अगर कोई ग्राहक बोलता है मूर्ती में सजावट लगाने के लिए तो उनको हम सजावट लगाते है.  सजावट के लिए तो एक्स्ट्रा चार्ज लगता है. जितना मुनाफा हमको मिलना चाहिए उसमें उतना नहीं मिल पा रहा." 

नरेंद्र जोर देते हुए बोलते है, "बड़ी मूर्तियों में तो मंदी है.... मांग नहीं है. मगर हां 4 फीट वाली मूर्ती जो है उसका थोड़ा काम चल रहा है. छः साढ़े छ फीट वाली मूर्ती तो बिक ही बिक पा रही है. " 


कारोबार के लिए लेना पड़ता है कर्ज 

इसी परिसर में मूर्तियों पर चटकीले रंग लगाकर कुछ बेहतर बनाने की उम्मीद में एक और शिव कुमार प्रजापति हैं. उनका कहना है कि कारोबार के लिए साहूकार कर्ज लेते हैं ताकि कुछ मुनाफा कमा कर परिवार का भरण पोषण कर सकें. पिछले साल से GST की मार के चलते जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई अभी तक नहीं कर पाए हैं. इसी कड़ी में इस बार फिर कर्ज लिया फिर उम्मीदें जगाई.... मगर महंगाई का चाबुक और बारिश की मार शिव कुमार के परिवार पर भारी पड़ रही है. 

बारिश और फिर महंगाई की मार 

एक छोटे से प्रेशर पंप से छोटी छोटी मूर्तियों को रंगते हुए शिव कुमार प्रजापति उदास मन से कहते है " एक तो बारिश से दिक्कत हो रही है और दूसरी महंगाई से....बारिश होने की वजह से हवा-आंधी चली उससे भी हमको नुकसान हुआ. एक हफ्ते से जो बारिश हो रही है उसमें मूर्तियां भी तो गीली हो गई है और फिर खंडित भी हो गई." 

Latest and Breaking News on NDTV

"मूर्ती बनाने के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस का काफी ज्यादा में इस्तेमाल होता है. पहले एक बोरी प्लास्टर ऑफ पेरिस जो पिछले साल ₹120 का मिलता था जो अब करीब ₹140 में मिल रहा है. वही रंगों के दाम भी डेढ़ गुना अधिक तक बढ़ गए है. सजावट में इस्तेमाल होने वाली सामग्री में करीब बीस प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में लागत भी ज्यादा हो गई है जो कि निकालना मुश्किल हो रहा है."


मूर्ती खरीदारों में तेजी से आई कमी 

बताया जाता है कि पिछले साल जो स्टॉक बच गया था... वह भी नहीं बिक पाया. अब नया माल बढ़े दाम होने के चलते ज्यादा आर्डर नहीं मिल रहे हैं. परंपरागत रूप से पंडालों में बड़ी मूर्तियां स्थापित करने वाले लोग भी अब छोटी मूर्तियों की तरफ रुख करने लगे हैं. बढ़े हुए दाम बड़ी मूर्तियों की तरफ कदम बढ़ने से रोकते है. छोटी मूर्तियों से ही त्योहार मनाकर  संतोष करना पड़ेगा. इसी के साथ कुलदीप नजदीक के गांव से अपने साथियों के साथ बड़ी मूर्ती खरीदने आए है. पंडाल में बड़ी मूर्तियां लगाने का रिवाज है. मगर कुलदीप और उनके साथी भी अब छोटी मूर्ती लेने का मन बना रहे है. 

मूर्तियों के सहारे उम्मीद में जीता इंसान 

कुलदीप ने कहा "हमने 5 फीट वाली मूर्ती खरीदने की कोशिश की लेकिन उसमें पैसा काफी ज्यादा लग रहा है तो हम कम बजट वाली मूर्ती ले रहे हैं. हम आमतौर पर 1800 रुपए तक की मूर्ती खरीदते मगर अब हम ₹1200 तक वाली मूर्ती खरीदेंगे. हमारे जो दूसरे मित्र लोग हैं अन्य पंडाल में भी ऐसी ही छोटी मूर्ती लगाएंगे." गणेश उत्सव उल्लास और खुशी के साथ देश भर में मनाया जाता है. 10 दिन तक चलने वाले इस पर्व पर घर-घर में और पंडालों में मूर्तियों की स्थापना मंगल कामना के साथ की जाती है. मगर इस बार की महंगाई उत्सव का रंग फीका करने का काम कर रही है. बावजूद इसके उम्मीद में कोई कमी नहीं दिख रही है. 

ये भी पढ़ें- MP के मालवा-निमाड़ अंचल में बाढ़ जैसे हालात, करीब 8700 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया


 

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close