Scindia School's 125th Anniversary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज शनिवार को ग्वालियर की प्रसिद्ध सिंधिया स्कूल (Scindia School Gwalior) के 125 वीं सालगिरह पर आयोजित स्थापना दिवस समारोह पर आ रहे हैं. देश के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में शामिल यह स्कूल ग्वालियर के ऐतिहासिक किले में स्थित है. वैसे तो इस स्कूल में देश के कई पूर्व प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आ चुके हैं लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है जब देश के प्रधानमंत्री स्कूल के स्थापना दिवस समारोह पर आ रहे हैं. इस स्कूल से कई नामी हस्तियां पढ़ी हैं. आज हम आपको इस स्कूल से जुड़े इतिहास और इसकी खासियत के बारे में बताएंगे.
मुकेश अंबानी से लेकर नितिन मुकेश भी यहीं से पढ़े हैं
ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में सिने स्टार सलमान खान और अरबाज खान के अलावा देश के कई बड़े नेता, सेना के जनरल, उद्योगपति और फिल्म अभिनेता पढ़े हैं. इसके स्टूडेंट्स की सूची में उद्योगपति मुकेश अंबानी, एयरटेल के मालिक सुनील भारती मित्तल, राजश्री प्रोडक्शन के मालिक और फिल्म निर्माता निदेशक सूरज बड़जात्या, नितिन मुकेश, अनुराग कश्यप, अली असगर और मीत ब्रदर्स शामिल हैं. इनके अलावा कई ब्यूरोक्रेट और राजनेता भी यहां से पढ़ाई कर चुके हैं.
नेहरू, शास्त्री से लेकर टाटा-बिड़ला तक आ चुके हैं इस स्कूल में
ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में देश की हस्तियों का आगमन होता रहता है. यहां देश के कई प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उद्योगपति और सेलिब्रिटी आ चुके हैं. आपको बता दें कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पूर्व राष्ट्रपति आर वेंकटरमन, पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा, बिड़ला, कुमार बिड़ला, सिने अभिनेता शाहरुख खान, राजनेता शशि थरूर समेत कई हस्तियां इस स्कूल में आकर बच्चों को मार्गदर्शन कर चुकीं हैं.
माधो महाराज प्रथम ने की थी स्थापना
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित सिंधिया स्कूल की स्थापना माधो महाराज सिंधिया प्रथम ने सन् 1897 में की थी. सिंधिया राजघराने ने इस स्कूल की स्थापना जागीरदारों और सरदारों की संतानों के भविष्य को सुरक्षित करने और शिक्षित करने के लिए की थी. शुरुआती दौर में इस स्कूल का नाम सरदार स्कूल हुआ करता था और यह फूलबाग के पास संचालित होता था, लेकिन सन् 1908 में सरदार स्कूल को ग्वालियर किले में स्थानांतरित कर दिया गया और इस सरदार स्कूल का नाम बदलकर सिंधिया स्कूल कर दिया गया. आज जहां यह स्कूल संचालित हो रहा है वहां पहले अंग्रेज अफसरों का बैरिक हुआ करता था.
सिंधिया परिवार ही करता है संचालन
ग्वालियर के सिंधिया स्कूल का संचालन सिंधिया राजपरिवार के एक न्यास द्वारा किया जाता है. वर्तमान में इसकी देखरेख केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया और उनके बेटे महान आर्यमन करते हैं.
1933 में आम जन के लिए खोला गया स्कूल
पहले इस स्कूल में देशभर के राजा, महाराजा, बड़े जमींदारों और ऊंचे ओहदेदारों के बच्चों को ही प्रवेश दिया जाता था, लेकिन माधो महाराज सिंधिया ने सामंतवादी दौर में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विस्तार के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया. उन्होंने इस स्कूल को सिर्फ सामंती परिवारों तक सीमित रखने की परंपरा को तोड़ते हुए 1 जुलाई 1933 में इसके दरवाजे आम परिवारों के बच्चों के लिए भी खोल दिए.
माधवराव सिंधिया ने भी यहीं से की पढ़ाई
कांग्रेस के बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री दिवंगत माधव राव सिंधिया ने भी इसी सिंधिया स्कूल में रहकर सेकेंड्री तक की शिक्षा हासिल की थी. कहने को तो स्कूल परिसर से उनका शाही महल जयविलास पैलेस दिखाई देता था और वे स्कूल की गवर्निंग बॉडी के मुखिया परिवार से भी थे, लेकिन यह स्कूल बोर्डिंग है लिहाजा उन्हें भी महल में रहने की इजाजत नहीं दी गई. जिसके बाद माधवराव सिंधिया भी स्कूल के हॉस्टल में रहकर एक सामान्य छात्र के रूप में पढ़े.
कैंपस के अंदर मौजूद हैं खेल-कूद के 22 मैदान
सिंधिया स्कूल कैंपस के अंदर छात्रों के लिए हर सुख सुविधा मौजूद है. ग्वालियर के ऐतिहासिक किले पर स्थित इस स्कूल में छात्रों के खेलने के लिए 22 मैदान हैं. जिसमें क्रिकेट, लॉन टेनिस, स्वीमिंग पूल, हार्स राइडिंग, बॉक्सिंग से लेकर हर तरह के इंडोर और आउटडोर गेम खेलने के लिए मैदान हैं. इसके अलावा स्कूल में ओपन थिएटर भी मौजूद है. स्कूल को दो भागों में बांटा गया है. कक्षा तीसरी से लेकर छठवीं तक जूनियर वर्ग और कक्षा सातवीं से बारहवीं तक सीनियर वर्ग में बांटा गया है.
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