Madhya Pradesh News: नारी सशक्तिकरण, नारी सम्मान की बातें कागजों पर ही बेहतर होने का अनुभव कराती हैं, हकीकत में नारियों को तमाम तरह से अपमान के घूंट ही पीने पड़ रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण सतना जिले के रामपुर बघेलान जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत अकौना में सामने आया. जहां महिला सरपंच को पहले तो ध्वजारोहण से रोका गया वहीं विशेष ग्राम सभा के दौरान कुर्सी तक नहीं दी गई. अपमान सहन नहीं होने पर सरपंच सभा में हिस्सा नहीं ले सकी.
ये है मामला
ग्राम पंचायत की महिला प्रधान ग्रामसभा के दौरान खड़ी रही और दूसरी ओर पंचायत सचिव दबंगई के साथ कुर्सी पर बैठकर उप सरपंच के साथ गप्प लड़ाता रहा. कुर्सी मांगने पर दो टूक शब्दों में कहा कि अपने घर से ले आओ. हद तो तब हो गई जब महिला सरपंच ने कहा कि ये ग्राम सभा है और मेरी कुर्सी कहां है? तो सचिव व उप सरपंच ने कह दिया बैठ जाओ जहां बैठना हो यहां नहीं है कुर्सी.
सचिव पर हैं मनमानी के आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्रामसभा के दौरान जब वो अपने काम की अर्जी लगाने सचिव विजय सिंह के पास पहुंचे तो उप सरपंच धर्मेंद्र सिंह के साथ दरबार में मशगूल सचिव को नगावार गुजर गया और झल्लाते हुए कहा कि मैं तुम्हारा नौकर हूं क्या? विजय सिंह को ये कौन बताए कि वह पंचायत सचिव है और वह जनता का नौकर ही है. सचिव की शिकायत जिला पंचायत सीईओ व कलेक्टर सतना से की गई है.
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दिल्ली में सम्मान,पंचायत में अपमान
स्वाधीनता के मौके पर महिला सरपंचों का पीएम ने सम्मान किया. जबकि पंचायत में उन्हें अपमानित किया जा रहा है.
अकौना ग्राम पंचायत की महिला सरपंच श्रद्धा सिंह जिसे अकौना की जनता ने चुना है।.उसका ग्रामसभा के दौरान जनता के सामने अपमान किया गया है।देश के प्रधानमंत्री महिला सरपंच को दिल्ली बुलाकर सम्मान करते हैं वहीं सचिव ही महिला सरपंच का अपमान करता है. महिला प्रधान के सामने सचिव -उपसरपंच कुर्सी में बैठे पैर हिलाते रहे और सरपंच को जमीन में बैठने की नसीहत दे रहे थे. इसे लेकर अब स्थानीय लोगों में भी काफी नाराजगी देखी जा रही है.
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