
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रेप के मामले में एक पुलिस अफसर को अनोखी सजा दी है. इसके लिए पुलिस अफसर को 1000 फलदार पौधे रोपने होंगे. इस तरह का अनोखा और अलग मामला माना जा रहा है.
न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति एके सिंह की खंडपीठ ने मंगलवार को सतना के शहर कोतवाली पुलिस थाने के प्रभारी रवींद्र द्विवेदी को यह निर्देश दिया है.
क्या था मामला
सतना के सिटी कोतवाली थाना के केस में अक्टूबर 2021 में जिला अदालत ने आरोपी रामअवतार चौधरी को नाबालिग से दुराचार का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इस सजा के खिलाफ आरोपण पक्ष ने हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी. जिसके संबंध में हाईकोर्ट ने पीड़िता को नोटिस जारी किया था. 30 सितंबर 2024 को हाईकोर्ट ने पीड़िता को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था, लेकिन कोतवाली थाना प्रभारी रवींद्र द्विवेदी द्वारा यह नोटिस समय पर तामील नहीं कराई गई.
लिहाजा कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई. थाना प्रभारी ने पीड़िता को नोटिस तामील न कराने के लिए माफी मांगते हुए कोर्ट से यह भी कहा कि वह पुलिस महानिरीक्षक द्वारा लगाई गई पांच हजार की जुर्माना राशि का भुगतान करेंगे और स्वयं 1000 पौधे लगाएंगे.
16 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर 2025 को होगी. हाईकोर्ट के आदेश में पर थाना प्रभारी रविंद्र द्विवेदी ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी है और भविष्य में इस तरह की लापरवाही नहीं दोहराने का वचन दिया है. जबकि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पौधारोपण का पूरा खर्च टीआई को अपनी निजी आय से करना होगा. यह पहली बार नहीं है जब हाईकोर्ट ने पर्यावरणीय सजा दी हो. इसके पहले भी इस प्रकार का आदेश दिया जा चुका है. हाईकोर्ट ने कहा है कि सतना जिले के चित्रकूट में एक जुलाई से 31 अगस्त के बीच कम से कम 1000 पौधे लगाने होंगे. आदेश में कहा गया है कि थाना प्रभारी इस पर होने वाले का खर्च का खुद वहन करेंगे.
पीठ ने कहा कि थाना प्रभारी द्विवेदी ने समय पर पीड़िता के मामले में नोटिस की तामील नहीं करने के लिए अदालत के समक्ष माफी मांगी है.
आदेश में कहा गया है कि उन्होंने (पुलिस अधिकारी) न केवल पुलिस महानिरीक्षक द्वारा लगाए गए 5,000 रुपये की लागत का भुगतान करने का वादा किया है, बल्कि एक जुलाई से 31 अगस्त 2025 के बीच कम से कम 1,000 पेड़ लगाने का भी वादा किया है.
आदेश में कहा गया है कि आम, जामुन, महुआ, अमरूद आदि फलदार पेड़ लगाए जाएं और उनकी तस्वीरों को जीपीएस लोकेशन के साथ अनुपालन रिपोर्ट के समर्थन में रजिस्ट्री (उच्च न्यायालय) को भेजा जाए.
नाबालिग लड़की से बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा सुनाने के विशेष अदालत के आदेश को चुनौती देने वाले एक दोषी की आपराधिक अपील पर सुनवाई के दौरान अदालत ने ये निर्देश दिए.
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