
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने गुरुवार को हमीदिया कॉलेज के पास बने धार्मिक स्थल को कानून को ताक पर रख कर बनाया बताया. उन्होंने कहा कि प्रशासन 'लैंड जिहाद' को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस तरह के अवैध निर्माण के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी रहेगी.
सारंग ने कहा कि अगर कोई जमीन हड़पने के मकसद से इस तरह का निर्माण करेगा,तो निश्चित तौर पर प्रशासन की तरफ से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.इस तरह के अवैध निर्माण को हम बिल्कुल भी बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं हैं.
कानून तोड़ने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि हमें जानकारी मिली है कि जमीन हड़पने के इरादे से इस तरह के धार्मिक स्थलों का निर्माण किया जा रहा है,जिसे लेकर प्रशासन सख्त है. मध्य प्रदेश में इस तरह के निर्माण को हरगिज स्वीकार नहीं किया जाएगा. अगर कोई ऐसा करने की जुर्रत करेगा,तो वो कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें.
ये भी कहा
मंत्री ने हमीदिया कॉलेज की तरफ से मस्जिद की अजान से होने वाली परेशानी की शिकायत को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का भी हवाला दिया. कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले भी इस बात को स्पष्ट कर चुका है कि अगर मस्जिद से आने वाली अजान से किसी स्टूडेंट को कोई दिक्कत होती है, तो उसे तुरंत हटाया जाए. हम नहीं चाहते हैं कि किसी भी धार्मिक स्थल से आने वाली आवाज से किसी भी बच्चे की पढ़ाई में कोई बाधा आए.
साथ ही कांग्रेस के इस दावे पर प्रिंसिपल की तरफ से इस तरह की शिकायतें नहीं आ सकती हैं, पर मंत्री विश्वास सारंग ने सवाल किया, "आखिर क्यों? क्यों नहीं प्रिंसिपल शिकायत कर सकती हैं, बिल्कुल कर सकती हैं, वो उस कॉलेज की प्रिंसिपल हैं.
ऐसी स्थिति में यह सुनिश्चित करना उनका काम है कि किसी भी बच्चे की पढ़ाई में बाधा न आए. मैं प्रिंसिपल को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने छात्रों के हितों को देखते हुए ऐसा कदम उठाया है. यह लैंड जिहाद हम मध्य प्रदेश में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं. हमारी सरकार इसे लेकर पूरी तरह सख्त है.
पत्र लिखकर कही ये बात
बता दें कि मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित हमीदिया कॉलेज की प्रिंसिपल ने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि सामने वाली मस्जिद से आने वाली अजान से बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है. साथ ही, पत्र में कहा गया है कि जिस जमीन पर विज्ञान संकाय की इमारत बननी थी, वहां अवैध तरीके से मस्जिद का निर्माण किया गया। पत्र में कॉलेज परिसर के सीमांकन की भी मांग की गई.वहीं मस्जिद के इमाम ने कॉलेज के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया कि यह मस्जिद 300 साल पुरानी है और वक्फ की जमीन पर बनी है.
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