Action On Corex Syndicate In Satna: मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में नशीली कफ सिरप कोरेक्स के कारोबारियों पर ताबड़-तोड़ कार्रवाई जारी है. पहले इस मामले को लेकर रीवा में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की थी. अब सतना में भी इसके कारोबारियों की कमर तोड़ी जा रही है. इस मामले से संबंधित सभी आरोपियों के गिरेवान तक खाकी के हाथ पहुंच रहे हैं.
दस प्रतिशत का कमीशन काटता था
शुक्रवार को नशीली कफ सिरप कोरेक्स के सिंडिकेट का एक और सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ गया. यह व्यक्ति रैगांव से पकड़ा गया. इसे दो साल में करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन करने के आरोप में पकड़ा गया. पुलिस के मुताबिक आरोपी ने सिंडिकेट के सदस्यों द्वारा खरीदी गई कफ सिरप का भुगतान अपने कियोस्क से करता था और बदले में दस प्रतिशत का कमीशन काटता था.
विवेचना में ये तथ्य हुए उजागर
सिंहपुर थाना प्रभारी शैलेंद्र पटेल ने बताया कि विवेचना में तमाम तथ्य उजागर हो रहे हैं. आरोपियों ने सिंडीकेट बना रखा था. संगठित अपराध पिछले दो वर्षो से कर रहे थे. लगभग 5 करोड़ 35 लाख रुपये का ऑनरेक्स कफ सिरप की खरीद बिक्री का ट्रांजेक्शन पाया गया. मामले में आरोपी रिपुदमन सिंह सोलंकी को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई, जिसके द्वारा बताया गया कि आशीष गौतम एवं शैलेन्द्र उर्फ सिम्मू द्वारा अपने अकाउंट से पैसे उसके अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते थे. जबकि रिपुदमन वह पैसा डीलर के अकाउंट में भेज देता था.
पैसों का करता था मैनेजमेंट
बताया जाता है कि रिपुदमन उर्फ लकी सिंह कोरेक्स कांड में फरार चल रहे 20 हजार के इनामी आशीष गौतम के पैसे का मैनेजमेंट करता था. पुलिस के समक्ष इस बात को स्वीकार किया है कि वह आशीष गौतम, अमित गुप्ता एवं संदीप सोनी के साथ मिलकर काम करता था. सभी का काम बंटा था ,आशीष गौतम एवं अमित गुप्ता बांदा से नशीली कफ सिरप लाते थे. जिसको संदीप सोनी बिक्री करता था. जबकि रिपुदमन मैनेजमेंट का काम करता था.
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60 पेटी कोरेक्स में थी हिस्सेदारी
पुलिस ने बताया कि बीते 12 जुलाई को खनगढ़ मोड़ के पास पकड़ी गई 72 सौ शीशी कफ सिरप कुल 60 पेटी में रिपुदमन की भी हिस्सेदारी थी.अब पुलिस को इस मामले में चार आरोपियों की तलाश है. आशीष गौतम, बादल पटेल, अमित गुप्ता और चौथा नाम संदीप सोनी का है. बताया जाता है कि संदीप सोनी के द्वारा कई जगहों पर कोरेक्स पहुंचाने का काम किया जा रहा था. पुलिस ने अपराध धारा 8 बी, 21, 22 एनडीपीएस एक्ट, 5/13 ड्रग्स कंट्रोल एक्ट के तहत प्रकरण कायम किया था.
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