मध्य प्रदेश की सरकार के खिलाफ शुक्रवार को सतना जिले के कई कर्मचारी संगठनों ने मिलकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों की मांगें मुख्य रूप से पेंशन, समय मान वेतन, अनुकंपा प्रकरणों में राहत, रहीं. कुल मिलाकर इन कर्मचारियों की 39 मांगे थी. "अधिकारी संयुक्त मोर्चा" के बैनर के नीचे किया गया ये प्रदर्शन.
प्रदेश सरकार के खिलाफ हुए इस प्रदर्शन के लिए कर्मचारियों ने अवकाश लिया था. इस प्रदर्शन में राज्य के मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त संगठनों के हजारों कर्मचारी शामिल हुए थे. इस प्रदर्शन में शामिल एक कर्मचारी ने बताया कि प्रदेश सरकार हर बार कर्मचारियों से वादा कर देती है और फिर अपने वादे से मुकर जाती है.
कर्मचारी ने बताया कि सरकार के मुकरने की वजह से अब ये तय किया गया है कि अब सब एक साथ मिलकर लड़ाई करेंगे. प्रदर्शन कर रहे एक अन्य कर्मचारी ने बताया सभी मिलकर अपनी मांगें जिलाधिकारी को सौपेंगे, अगर अब भी सरकार कोई कदम नहीं उठाती है तो आगे की नई रणनीति तैयार की जायेगी.
इन लोगों की कुल 39 मांगें हैं, सबसे पहली मांग तृत्तीय वर्ग के कर्मचारी को समयमान वेतनमान देने की है, इसके साथ ही 2005 के बाद नियुक्त हुए सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दिए जाने की मांग है साथ ही कर्मचारियों के प्रमोशन की भी मांग की गई है, प्रमोशन की प्रक्रिया 2016 से रूकी हुई है. सभी कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा दिए जाने की भी मांग है और भी कई मांगें हैं जिनके पूरे होने के लिए प्रदर्शन हो रहा .
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले अवकाश लेकर एक दिन का आन्दोलन किए जाने के दौरान राजस्व, जल संसाधन ,शिक्षा, वन, स्वास्थ, पशु चिकित्सा, तकनीकी शिक्षा ,पीडब्ल्यूडी, कोषालय ,सामाजिक न्याय, हार्टीकल्चर, कृषि ,परिवहन, खाद्य ,महिला वाल विकास , आदिम जाति कल्याण विभाग सहित समस्त विभागों के कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आन्दोलन में शामिल रहे.