Madhya Pradesh News: कभी-कभी कुछ ऐसी योजनाएं बन जाती हैं, जो बिना किसी तैयारी के अदूरदर्शी सोच के साथ बनाई जाती हैं. इनसे फायदा होने के बजाय नुकसान हो जाता है. सतना जिले (Satna District) में 2013-14 में 615 लाख यानी 6.15 करोड़ रुपये की लागत से हाट बाजार (Haat Bazar) बनाया गया था. इसका मकसद था कि पंचायतों को राजस्व (Panchayat) के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जाए. गांव में बाजार उपलब्ध कराकर पंचायतों की आय बढ़ाई जाए, लेकिन हुआ इसके ठीक उल्टा. हाट बाजार, बाजार कम खंडहर ज्यादा नजर आने लगे.
सफेद हाथी बने बाजार
सतना जिले में करीब पचास से अधिक पंचायतों में मुख्यमंत्री हाट बाजार (Haat Bazar) स्वीकृत कर दिए गए. बाजार के लिए अधिकांश पंचायतों को पहली किश्त के तौर पर पांच से साढ़े सात लाख रुपए जारी भी कर दिए गए. इस योजना में अफसरों ने ऐसे स्थलों का चयन कर लिया जहां पर हाट बाजार का ढांचा तो बन गया, वहां पर बाजार का संचालन करना आसान नहीं था. जिले में लगभग 37 हाट बाजार बनकर तैयार हैं, लेकिन उपयोग कितनों का हो रहा है ये गौर करने वाली बात है.
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NDTV ने की इसकी पड़ताल
एनडीटीवी ने हॉट बाजार की पड़ताल करते हुए जिला मुख्यालय की जनपद सोहावल के अंतर्गत सोहौला, शिवपुर और बराकला का मौके पर जाकर जायजा लिया तो हाल बेहाल नजर आए, सोहौला की हाट बाजार में लोगों ने भूसा और कबाड़ा भर दिया था. वहीं शिवपुर की हॉट बाजार के शटर टूटे हुए मिले जबकि बराकला में दुकानों का संचालन नहीं मिला. सोहावल विकासखंड में करीब 15 बाजार स्वीकृत हैं, जिसमें से अधिकांश पूर्ण हो चुकी हैं, लेकिन वहां पर कोई भी गतिविधि संचालित नहीं है.
स्थलों का चयन बनी समस्या
हाट बाजार में बाजार संचालित नहीं होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि अधिकारियों ने सही जगहों का चयन नहीं किया. जनता का पैसा आंख मूंदकर खर्च किया गया और वीरान स्थानों पर बाजार का निर्माण कर दिया गया. कुछ जगह तो स्थिति ऐसी है कि यदि यहां कोई बाजार खोल लिया जाए तो ग्राहक कब आएंगे यह कोई बता नहीं सकता.
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नालों और मुक्तिधाम के करीब निर्माण
जिले की अधिकांश हाट बाजार का निर्माण नालों और मुक्तिधाम के नजदीक किया गया है. इसके अलावा कुछ दुकानें ऐसे निर्जन जगह बनाई गई हैं जहां दुकान खोलने वाले व्यापारियों को फायदा होने के चांस कम ही है. इस मामले में सोहावल के स्थानीय व्यापारी राजा चतुर्वेदी ने बताया कि यदि स्थान का सही चयन होता तो पंचायत को राजस्व भी मिलता और लोगों को रोजगार भी मिल जाता.
कहां स्वीकृत हैं बाजार
मझगवां विकासखंड की ग्राम पंचायत गोपालपुर, पुतरीचुआं, कौहारी, महतैन, खोही, अमिलिया और अर्जुनपुर पंचायत में, मैहर जनपद की ग्राम पंचायत बदेरा, अजवाइन, सढ़ेरा, सभागंज, बंशीपुर, झुकेही, घोरवई और पकरिया में सोहावल विकासखंड की ग्राम पंचायत माधवगढ़, नारायणपुर, इटमा, गोरईया, भुमकहर, मसनहां, धौरहरा, बराकला, शिवपुर, करसरा, सोहौला, फुटौंधा, हडख़ार, उदयसागर जैसी पंचायत में हाट बाजार का निर्माण कराया गया है.
अधिकारी बोले- होगी जांच, करेंगे कार्रवाई
इस मामले में जब जिला पंचायत सीईओ डॉ परीक्षित झाड़े से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह ग्राम पंचायत की आय और स्थानीय लोगों के रोजगार के लिए निश्चित ही बेहतर विकल्प होता अगर स्थलों का चयन सही तरीके से किया जाता. सीईओ ने इस मामले में जांच कराने की बात करी और जांच के बाद मामले में कार्रवाई करने को भी कहा है.