
Maihar Sand Maifa: रेत के अवैध खनन और परिवहन का गढ़ मानी जाने वाली कुबरी खदान से स्टॉक कहां-कहां पहुंच रहा है, जब इसकी पड़ताल हुई तो कई चेहरे बेनकाब हो गए. रेत के अवैध भण्डारण (Illegal Storage) और खनन में ग्राम पंचायत झिन्ना के सरपंच का भी नाम सुर्खियों में है. पिछले 48 घंटे से रेत के अवैध स्टॉकों की जांच के दौरान एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है. माफियाओं ने जल संसाधन विभाग की जमीन को यार्ड बना रखा था और मर्यादपुर चौकी से महज 10 मीटर की दूरी पर भारी मात्रा में रेत का अवैध स्टॉक भी किया गया था.

खुले में रेत का अवैध भण्डारण
दूसरे दिन हुई जांच में रेत के कुल 9 अवैध स्टॉक चिन्हित किए गए, जिनके खिलाफ जब्ती और जुर्माने की कार्रवाई की गई. तहसीलदार ललित धार्वे, खनिज इंस्पेक्टर सुशील चौरसिया के संयुक्त नेतृत्व में चल रही जांच के दौरान करीब 800 घन मीटर से अधिक रेत का भण्डारण पाया गया है.
कहां मिला कितना स्टॉक?
रेत के अवैध भण्डार की जांच कर रही टीम को ग्राम पंचायत झिन्ना में रामायण बैस के यहां 50 घन मीटर, इसी गांव में लालभाई के यहां 130 घन मीटर रेत का स्टॉक मिला, जो जल संसाधन की जमीन पर रखा गया था. मतहा में ढाबा के पास बिप्पू सिंह के स्टॉक से 180 घन मीटर, मर्यादपुर पुलिस चौकी के पास वरुण बैस के स्टॉक से 175 घन मीटर, सत्यजीत बैस के स्टॉक से 80 घन मीटर, प्रयांशु बैस के स्टॉक से 50 घन मीटर, वीपेन्द्र सिंह परमार के यहां 35 घन मीटर, झिन्ना सरपंच का 80 घन मीटर और प्रदीप सिंह का 175 घन मीटर रेत का स्टॉक जब्त किया गया है.

मैहर जिले में पुलिस और विभाग कर रही जांच
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नायाब तहसीलदार पर हुआ था हमला
मैहर जिले के झिन्ना सर्किल में पदस्थ नायाब तहसीलदार रोशन रावत के ऊपर इससे ठीक दो दिन पहले राजेन्द्र बैस उर्फ नेपाली और उसके लड़कों ने जानलेवा हमला किया था. आरोपी ने ट्रैक्टर चढ़ाकर नायाब तहसीलदार को जान से मारने की कोशिश की थी, जिसके बाद से लगातार अवैध रेत के खिलाफ कार्रवाई हो रही है.
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