बालाघाट : तमिलनाडु के शिक्षामंत्री उदयानिधि के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान के बाद केंद्र सरकार और सनातनी खिलाफ में खड़े हो गए हैं. मंत्री उदयानिधि के बयान के विरोध में सनातन सभा अध्यक्ष पं. महेश खजांची और महामंत्री अभय सेठिया के नेतृत्व में सनातन महासभा की बैठक बुलाई गई. मीटिंग में काफी संख्या में सनातन धर्मावलंबी के प्रतिनिधि मौजूद थे. यहां वक्ताओं ने विचार रखते हुए कहा कि तमिलनाडु के मंत्री उदयानिधि के वक्तव्य के बाद षडयंत्रपूर्वक सनातन धर्म का विरोध करने की एक परंपरा सी बन गई है, जिससे सनातन धर्मावलंबियों को गहरा आघात लगा है और यह सनातन धर्मावलंबियों पर आक्रमण है.
उन्होंने कहा, 'इससे सनातनियों में आक्रोश व्याप्त है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ लेकर तुच्छ, राजनीतिक लाभ अर्जित करने के लिए निरंतर कुत्सित मानसिकता का परिचय देते हुए मानसिक संकीर्णता की तरह वक्तव्य देकर भारतीय संविधान का अपमान करने का प्रयास कर रहे हैं. सनातन महासभा ऐसे सभी राष्ट्रविरोधी लोगों की षडयंत्रकारी मानसिकता की घोर निंदा करती है. तमिलनाडु के शिक्षामंत्री के बाद उदयनिधि, मंत्री पोनमुडी, डी. राजा और स्वामीप्रसाद मौर्य सहित अनेक निम्न मनोवृत्ति तथा कुंठाग्रस्त लोगों के वक्तव्य से राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर जानबूझकर कुठाराघात किया जा रहा है, जिससे देश की शांति और सद्भाव भंग होने का भय पैदा हो रहा है. हम सभी सनातनी धर्मावलंबी, सनातन धर्म का विरोध करने वालों की भर्त्सना करते हैं.'
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'ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा'
गायत्री मंदिर में 16 सितंबर को सनातन महासभा की बैठक में सनातन महासभा अध्यक्ष पं. महेश खजांची, महामंत्री अभय सेठिया, कोषाध्यक्ष गोपाल आडवानी सहित काफी संख्या में सनातन महासभा और धर्मावलंबी प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेगी सनातन महासभा
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री उदयानिधि सहित अन्य जो भी मंत्री और राजनेता, सनातन धर्म के विरोध में वक्तव्य जारी कर देश का शांतिपूर्ण माहौल खराब करना चाहते हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ आगामी 20 सितंबर बुधवार को काली पुतली चौक स्थित हनुमान मंदिर से दोपहर 3 बजे रैली के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम ज्ञापन सौंपकर ऐसे समाजविरोधी, सनातन द्रोही और अलोकतांत्रिक व्यक्तियों के खिलाफ मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग की जाएगी.