
Narmada Water Pipeline Contamination: बड़वानी जिले के सजवानी गांव में अचानक दूषित पानी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दो दिनों में 50 से अधिक लोग उल्टी-दस्त और बुखार से पीड़ित हो गए. गांव में हड़बड़ी का माहौल है और लोग चिंता में हैं कि उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है.
नल-जल पाइपलाइन में फैली गंदगी
ग्रामीणों का आरोप है कि नल-जल योजना के तहत बिछाई गई पाइपलाइन गंदगी के बीच से गुजर रही है. इससे नालियों का गंदा पानी सीधे पाइपलाइन में मिल रहा है. पानी के चैंबरों में भी गंदगी जमा हो गई है, जिससे पानी पूरी तरह दूषित हो चुका है.
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
सूचना मिलने के बावजूद प्रशासन ने गांव में कोई स्वास्थ्य शिविर नहीं लगाया. बीमार लोग खुद ही सरकारी और निजी अस्पतालों का रुख करने को मजबूर हैं. इस स्थिति ने ग्रामीणों में असंतोष और चिंता दोनों बढ़ा दी है. ग्रामीणों ने सरपंच, सचिव और जनपद पंचायत सीईओ पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि उन्होंने कई बार शिकायतें कीं और यहां तक कि सीएम हेल्पलाइन पर भी मामला दर्ज कराया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया.
प्रशासन की औपचारिक प्रतिक्रिया
लगातार शिकायतों के बाद, जनपद पंचायत सीईओ मोतीलाल काग और पीएचई विभाग की टीम गांव पहुंचे. हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों ने केवल औपचारिकता निभाई और फिर वापस लौट गए.
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साफ पानी की मांग
ग्रामीणों की मांग है कि सभी पेयजल टैंक और पाइपलाइन की सफाई तुरंत कराई जाए और स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. सीईओ मोतीलाल काग ने बताया कि पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद ही बीमारी के कारण की पुष्टि की जाएगी. फिलहाल, गांव में साफ पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
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