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Sagar Crime: संदिग्ध हालत में युवक की मौत, NH-44 पर चक्काजाम... परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोप

Sagar Boy Death: संदिग्ध परिस्थितियों में युवक की मौत के बाद सागर में NH-44 पर चक्काजाम लग गया. परिजनों ने पुलिस पर एफआईआर दर्ज न करने का आरोप लगाया है.

Sagar Crime: संदिग्ध हालत में युवक की मौत, NH-44 पर चक्काजाम... परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोप
सागर जिले में युवक की मौत के मामले में चक्काजाम

Sagar Crime News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर जिले के महाराजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम सलैया दुबे में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद रविवार दोपहर परिजनों ने शव को नेशनल हाईवे-44 पर रखकर चक्काजाम कर दिया. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने युवक की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं की, जिसके चलते उसकी मौत हो गई. चक्काजाम के कारण फोरलेन पर दोनों ओर चार-चार किलोमीटर लंबी वाहनों की कतारें लग गईं. यह जाम करीब तीन घंटे तक चला, जो शाम छह बजे एसडीओपी की समझाइश के बाद समाप्त हुआ.

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की रात ग्राम सलैया दुबे में गांव के ही कुछ लोगों ने हल्लू यादव (35) को बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की. आरोप है कि उसके हाथ-पैर बांधकर उसे पीटा गया. सूचना मिलने पर केसली थाना की हंड्रेड डायल मौके पर पहुंची और हल्लू को मुक्त कराया. इसके बाद परिजन उसे महाराजपुर थाना ले गए, लेकिन वहां उसकी शिकायत दर्ज नहीं की गई.

इसके बाद घायल हल्लू को इलाज के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, सागर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान शनिवार रात 9 बजे उसकी मौत हो गई. रविवार सुबह परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव लेने से इनकार कर दिया और नेशनल हाईवे-44 पर रखकर चक्काजाम कर दिया.

गांव के लोगों पर हत्या का आरोप

परिजनों ने गांव के ही पांच लोगों - फागूलाल यादव, मर्दन यादव, गोलू यादव, राजधर यादव और फागू यादव की पत्नी—पर मारपीट और हत्या का आरोप लगाया है. मृतक के भाई खेमचंद यादव का कहना है कि इन्हीं लोगों ने हल्लू के साथ विवाद किया और उसे पीट-पीटकर मार डाला. पुलिस पर एफआईआर दर्ज न करने का भी आरोप लगाया गया है.

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मेडिकल रिपोर्ट पर होगी कार्रवाई

इस संबंध में एसडीओपी रहली प्रकाश मिश्रा का कहना है कि परिजनों के आरोपों को गंभीरता से लिया गया है. चक्काजाम की स्थिति को संभालते हुए उन्हें समझाइश दी गई, जिसके बाद जाम समाप्त कराया गया. मेडिकल रिपोर्ट और अन्य तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस का कहना है कि प्राथमिकता इलाज की थी, इसलिए तत्काल एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी.

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