Sagar Open Sewer Negligence: सागर शहर इन दिनों एक गंभीर लापरवाही की मार झेल रहा है. यहां कई जगह खुले पड़े सीवर टैंक लोगों की जान के लिए खतरा बन चुके हैं. खास बात यह है कि ये सीवर ऐसे इलाकों में हैं जहां रोजाना भारी भीड़ गुजरती है, लेकिन फिर भी नगर निगम की आंखें अब तक बंद हैं.
कॉलेज के सामने खड़ा बड़ा खतरा
पंडित दीनदयाल उपाध्याय महाविद्यालय के ठीक सामने खुला पड़ा सीवर टैंक किसी बड़े हादसे को न्योता दे रहा है. यहां रोजाना सैकड़ों छात्र-छात्राएं गुजरते हैं और भीड़ इतनी अधिक होती है कि किसी भी वक्त अनहोनी हो सकती है. फिलहाल यहां सुरक्षा भगवान भरोसे है.
शिकायत के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर निगम को इस खतरे की जानकारी दी, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. लोगों का आरोप है कि अधिकारी सिर्फ कागजों में कार्रवाई दिखाते हैं, जमीन पर नहीं.
रियलिटी चेक में उजागर हुई सच्चाई
जबलपुर में हाल ही में खुले सीवर में बच्चे की मौत के बाद एनडीटीवी की टीम ने सागर की हकीकत दिखाई. रामनगर, तिलकगंज, मकरोनिया और मोतीनगर जैसे इलाकों में जगह-जगह सीवर टैंक बिना ढक्कन के खुले मिले. कुछ जगह तो पुराने ढक्कन उखड़कर पड़े हुए थे.
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जनता की सीधी चेतावनी
लोगों का सवाल है कि क्या नगर निगम किसी बड़ी मौत का इंतजार कर रहा है? शहरवासियों ने मांग की है कि बिना देर किए सभी खुले सीवर टैंकों को तुरंत बंद कराया जाए, ताकि किसी मासूम या राहगीर की जान खतरे में न पड़े.
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