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रीवा सेंट्रल जेल के कैदियों का कमाल, 264 कैदी बैठे थे परीक्षा में...150 प्रथम श्रेणी में हुए पास, 2 के आए 75 प्रतिशत अंक

Rewa Central Jail: रीवा की सेंट्रल जेल में कैदियों को पढ़ाया जा रहा है, ताकि वो अपना भविष्य संवार सके. इसका परिणाम भी इस साल की परीक्षाओं में देखने को मिला है. यहां 264 कैदी परीक्षा में बैठे थे, जिसमें से 150 से अधिक परीक्षार्थी इस परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उतीर्ण हुए.

रीवा सेंट्रल जेल के कैदियों का कमाल, 264 कैदी बैठे थे परीक्षा में...150 प्रथम श्रेणी में हुए पास, 2 के आए 75 प्रतिशत अंक

Rewa Central Jail Prisoners Appeared exam: मध्य प्रदेश के रीवा सेंट्रल जेल में कैदियों ने कमाल कर दिया है. इस साल यहां 264 कैदियों ने परीक्षा दी थी, जिसमें से आधे से ज्यादा कैदी इन परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी में पास हुए हैं. वहीं सबसे खास बात ये है कि दो कैदी परीक्षार्थियों ने मास्टर्स की परीक्षा में 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाकर कमाल किया है. ये कैदी पांचवी, आठवीं, 10वीं, 12वीं ,ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षाओं में पास हुए हैं. 

इस साल से रीवा की सेंट्रल जेल में महिला कैदियों के लिए भी शिक्षक का इंतजाम किया गया है, ताकि जेल के अंदर बंद कैदी भी पढ़ाई कर सके. 

पांचवी से पोस्ट ग्रेजुएशन तक... परीक्षा में बैठे 264 कैदी

बता दें कि रीवा की सेंट्रल जेल में लगभग 2500 कैदी किसी न किसी कारण से जेल के अंदर बंद हैं और अपनी सजा काट रहे हैं. सेंट्रल जेल के अंदर कैदियों को उनकी इच्छा अनुरूप काम सिखाया जाता है. वहीं कुछ कैदियों को पढ़ाई के लिए भी प्रेरित किया जाता है. जिसका परिणाम इस साल देखने को मिला है.

150 कैदी प्रथम श्रेणी में पास

इस साल पांचवी, आठवीं, 10वीं, 12वीं ,ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की परीक्षा की तैयारी जेल में मौजूद शिक्षकों ने कैदियों की करवाई थी. दरअसल, रीवा सेंट्रल जेल में साक्षरता अभियान के तहत प्रोढ शिक्षा केंद्र के अलावा, पांचवी, आठवीं, 10वीं, 12वीं का सेंटर है. इसके अलावा यहां बंद कैदियों के लिए इग्नू, भोज और एनआईओएस ने अपना केंद्र बना रखा है.

कैदियों को पढ़ाई के लिए किया जा रहा प्रेरित

सेंट्रल जेल के जेलर एस के उपाध्याय ने जेल में बंद कैदियों को उनका भविष्य सुधारने के लिए पढ़ाई के लिए प्रेरित किया, जिसके चलते 264 कैदी विभिन्न परीक्षाओं में शामिल हुए, जिसमें लगभग 150 से ज्यादा कैदी प्रथम श्रेणी में पास हुए. वहीं दो कैदियों ने मास्टर ऑफ सोशल वेलफेयर, एमएसडब्ल्यू की परीक्षा में 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाकर परीक्षा पास की.

रीवा सेंट्रल जेल के जेलर एसके उपाध्याय का कहना है कि कैदियों को पढ़ाई के लिए तैयार करना बेहद चुनौती पूर्ण काम है. जेल के अंदर जितने भी कैदी होते हैं, वह किसी न किसी मामले में अपराध करके ही जेल के अंदर आते हैं. ऐसे में पहले उनकी मन: स्थिति बदलने का काम किया जाता है. उसके बाद उन्होंने जितनी भी पढ़ाई की हो, उसके आगे की पढ़ाई के लिए उनकी तैयारी कराई जाती है.

महिला कैदियों के लिए भी टीचर का इंतजाम

उन्होंने कहा कि नतीजा आपके सामने है. वहीं दूसरी ओर इस साल से जेल के अंदर बंद महिला कैदियों के लिए एक महिला टीचर का भी इंतजाम कलेक्टर रीवा और नगर निगम कमिश्नर के आदेश पर किया गया है, ताकि जेल में बंद महिला कैदी भी पढ़ाई कर सके. ये महिला कैदी जब जेल से रिहा हो, तब वो कहीं पर टीचिंग करके या अपने घर में ही कोचिंग चलाकर अपना आगे का भविष्य सुरक्षित कर सके.

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