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कमांडो ने रची खुद की मौत की साज‍िश, बेगुनाह को जला दिया था ज़िंदा, 18 माह बाद यूं पकड़ा गया

Madhya Pradesh News: बुरहानपुर पुलिस ने डेढ़ साल से फरार रिटायर्ड आर्मी जवान हुसन सिंह को आगरा से गिरफ्तार किया है. उसने अपने साथी गणेश शर्मा के साथ मिलकर अपनी फर्जी मौत दिखाने के लिए एक अज्ञात युवक की हत्या कर उसे जला दिया था. शव की जेब में अपना आधार कार्ड रखकर पहचान भटकाने की कोशिश की गई.   

कमांडो ने रची खुद की मौत की साज‍िश, बेगुनाह को जला दिया था ज़िंदा, 18 माह बाद यूं पकड़ा गया

MP News:  मध्य प्रदेश के बुरहानपुर की लालबाग थाना पुलिस ने डेढ़ साल से फरार चल रहे रिटायर्ड आर्मी जवान हुसन सिंह को उत्तर प्रदेश के आगरा से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने अपने साथी के साथ मिलकर अपनी ही फर्जी हत्या का षड्यंत्र रचा था. इस साजिश के तहत दोनों ने एक निर्दोष युवक की हत्या कर उसे जला दिया था, ताकि उसकी पहचान हुसन सिंह के रूप में हो जाए. लेकिन पुलिस जांच और परिजनों द्वारा शव की पहचान से पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश हो गया.

क्या था मामला?

बुरहानपुर एसपी देवेंद्र पाटीदार ने बताया कि मई 2024 में बुरहानपुर रेलवे स्टेशन के पास एक खेत में अधजली लाश बरामद हुई थी. शव की जेब से आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मिले, जिन पर नाम था हुसन सिंह पिता गंगाराम, निवासी सैनिक नगर, राजपुर चुंगी, आगरा. पुलिस ने शव की पहचान के लिए परिवार को बुलाया, लेकिन पिता गंगाराम और भाई प्रद्युम्न ने शव को पहचानने से साफ इंकार कर दिया.

उन्होंने बताया कि हुसन सिंह अपने साथी गणेश शर्मा के साथ पनवेल में होटल चलाता है और उनसे लगातार संपर्क में थे, इसलिए शव उनका नहीं हो सकता. इसके बाद पुलिस की शंका और गहरा गई.

जांच में सामने आया कि हुसन सिंह और उसके पार्टनर गणेश शर्मा ने एक अज्ञात युवक को मनवाड़ से बहला–फुसलाकर बुरहानपुर लाया, शराब पिलाई और गला घोंटकर हत्या कर दी. बाद में पेट्रोल डालकर शव को जला दिया ताकि पहचान न हो सके. आरोपी अपनी पहचान छिपाने और एक पुराने विवाद में दुश्मन को फंसाने की साजिश कर रहे थे.

कौन था असली मृतक?

प्रकरण में मृतक की पहचान करना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. प्रधान आरक्षक भरत देशमुख ने महाराष्ट्र के CCNTS डाटा, RPF-GRP और थानों के रिकॉर्ड खंगाले. एक वर्ष की अथक मेहनत के बाद मृतक की पहचान कैलाश सावले (33), निवासी मुकुंदवाड़ी, संभाजीनगर के रूप में हुई. DNA रिपोर्ट से भी मां ताराबाई और भाई शांतीलाल का मिलान पॉजिटिव आया.

कैसे पकड़ा गया फरार रिटायर्ड सैनिक?

लालबाग थाना प्रभारी अमित सिंह जादौन और टीम ने मोबाइल नंबर, IMEI, सोशल मीडिया, अन्य राज्यों की पुलिस से लगातार संपर्क में रहकर आरोपी के ठिकानों की तलाश की. कई बार उत्तर प्रदेश, आगरा और झांसी टीम भेजी गई. अंततः आगरा के रायमा मंदिर क्षेत्र में लोकेशन मिली और ATS आगरा की सहायता से हुसन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उसने पैसे के विवाद में दुश्मन को फंसाने के लिए फर्जी हत्या की साजिश रचने की बात कबूल की.

आपराधिक रिकॉर्ड

आरोपी हुसन सिंह, पूर्व पैरा स्पेशल फोर्स जवान है, जिसने मारपीट और हिंसक गतिविधियों के कारण स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी. उसके खिलाफ यूपी, राजस्थान और एमपी में लूट, डकैती, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर एक्ट और आर्म्स एक्ट के कई गंभीर मामले दर्ज हैं.

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