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Raw Jute MSP Hike: 40 लाख किसान परिवारों को तोहफा, PM मोदी ने कहा- जूट की MSP बढ़ने से होगा लाभ

Raw Jute MSP: मोदी कैबिनेट ने 2025-26 सीजन के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि भारतीय पटसन निगम (जेसीआई) केंद्र सरकार के नोडल एजेंसी के रूप में मूल्य समर्थन संचालन करना जारी रखेगा और इस तरह के संचालन में, यदि कोई हानि होती है, तो हानि की पूरी प्रतिपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी.

Raw Jute MSP Hike: 40 लाख किसान परिवारों को तोहफा, PM मोदी ने कहा- जूट की MSP बढ़ने से होगा लाभ
Raw Jute MSP Hike: मोदी कैबिनेट ने 2025-26 सीजन के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी

Raw Jute MSP increased: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने विपणन सीजन 2025-26 के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी है. केंद्र सरकार ने कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की है. पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने केंद्र सरकार के इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि इसका सीधा लाभ लाखों किसानों को मिलने वाला है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "देशभर के जूट उत्पादक किसान भाई-बहनों के हित में हमारी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. वर्ष 2025-26 के लिए रॉ जूट की एमएसपी में बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है. इससे पश्चिम बंगाल सहित देश के कई राज्यों में इस क्षेत्र से जुड़े लाखों किसानों को लाभ होगा."

6 प्रतिशत की वृद्धि : पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी साझा करते हुए बुधवार को कहा कि कैबिनेट ने कच्चे जूट के लिए एमएसपी 5,650 रुपये प्रति क्विंटल (विपणन सीजन 2025-26 के लिए) को मंजूरी दे दी है. मोदी सरकार सीएसीपी की सिफारिशों के आधार पर लगातार एमएसपी बढ़ा रही है. जब से एमएसपी को 50 फीसदी से ज्यादा तय करने का फैसला लिया गया है, तब से इसका विधिवत पालन किया जा रहा है. इसके आधार पर 2025-26 सीजन के लिए कच्चे जूट के एमएसपी में लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि की गई है.

इस साल एमएसपी में की गई बढ़ोतरी 2024-25 सीजन से भी ज्यादा है, जिसका उद्देश्य भारत में जूट उत्पादन को बढ़ावा देना है.

पिछले साल कच्चे जूट के एमएसपी में 285 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी, जो 2024-25 सीजन के लिए 5,335 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई थी.

क्या कहते हैं आंकड़े?

40 लाख किसान परिवारों की आजीविका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जूट उद्योग पर निर्भर है. जूट मिलों और जूट के व्यापार में लगभग 4 लाख श्रमिकों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है. पिछले साल 1 लाख 70 हजार किसानों से जूट खरीदा गया था. 82% जूट किसान पश्चिम बंगाल से हैं जबकि शेष असम और बिहार में जूट उत्पादन में 9-9% की हिस्सेदारी है.

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