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Republic Day 2025 Tableau: कर्तव्य पथ पर दिखेगी छत्तीगढ़ की जनजातीय परंपराओं और रामनामी समुदाय की झलक

Republic Day Tableau In New Delhi: छत्तीसगढ़ की झांकी में प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर में जीवन, प्रकृति और आध्यात्मिकता के परस्पर संबंध को शामिल किया गया है. इसमें छत्तीसगढ़ के लोक जीवन, रीति-रिवाजों और परंपराओं को दर्शाया गया है.

Republic Day 2025 Tableau: कर्तव्य पथ पर दिखेगी छत्तीगढ़ की जनजातीय परंपराओं और रामनामी समुदाय की झलक
Republic Day Parade 2025: छत्तीसगढ़ की झांकी का दृश्य

Republic Day 2025: नई दिल्ली (Delhi) के कर्तव्य पथ (Kartavya Path) गणतंंत्र दिवस (Republic Day) को लेकर गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल (Rehearsal for Republic Day Parade 2025) पिछले कई दिनों से की जा रही है. ठंड के बीच भी गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल जारी है. इस साल 26 जनवरी 2025 को देश अपना 76वां गणतंत्र दिवस (76th Republic Day of India 2025) मनाएगा, जिसकी तैयारियां जोरों पर है. फुल ड्रेस परेड रिहर्सल (Full Dress Parade Rehearsal) के दृश्य देखे जा सकते हैं. गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड के साथ ही साथ सबसे रोमांचकारी पल विभिन्न राज्यों की झांकी (Tableau of Various States) का होता है. आइए जानते हैं इस बार छत्तीसगढ़ की झांकी (Tableau of Chhattisgarh) किस विषय पर होगी और इसका डिजाइन कैसा होगा?

‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास' की थीम पर है झांकी

गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किले पर आयोजित होने वाले भारत पर्व 2025 में इस बार छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और रामनामी समुदाय की झलक देखने को मिलेगी. छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास' पर आधारित है. झांकी में प्रदेश की समृद्ध और विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत को दिखाया गया है.

राष्ट्रीय रंगशाला दिल्ली में आयोजित प्रेस प्रिव्यू में छत्तीसगढ़ की झांकी को राष्ट्रीय मीडिया की सराहना मिली है. झांकी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर में जीवन, प्रकृति और आध्यात्मिकता का गहरा संबंध है.

यह झांकी छत्तीसगढ़ के लोक जीवन, रीति-रिवाजों और परंपराओं को दर्शाते हुए राज्य की अनूठी सांस्कृतिक पहचान को प्रस्तुत कर रही है.

Republic Day Parade 2025: छत्तीसगढ़ की झांकी

Republic Day Parade 2025: छत्तीसगढ़ की झांकी

छत्तीसगढ़ की झांकी में क्या दिखाया गया है?

झांकी के आगे के हिस्से में निराकार राम की उपासना करने वाले रामनामी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती स्त्री और पुरुष को दिखाया गया है. इनके शरीर एवं कपड़ों पर 'राम-राम' शब्द अंकित है. इन्हें रामचरितमानस का पाठ करते हुए दिखाया गया है. इसके पास घुंघरुओं का प्रदर्शन किया गया है, जो भजन के लिए उपयोग होते हैं.

बीच के हिस्से में आदिवासी संस्कृति के पहनावे, आभूषण, कलाकृतियां और कला परंपराएं दर्शाई गई हैं. इस भाग में तुरही वाद्य यंत्र और सल्फी वृक्ष को प्रमुखता से दिखाया गया है, जो बस्तर के लोकजीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं.

झांकी के पीछे मयूर का अंकन किया गया है, जो कि लोक जीवन के सौंदर्य और जीवंतता का प्रतीक है. झांकी के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और प्रकृति से जुड़ी आध्यात्मिकता को गहराई से उजागर किया गया है.

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