
MP Poor Health System: मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पताल की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. रतलाम के सैलाना में गर्भवती महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से दो बार लौटा दिया गया. तीसरी बार जब फिर दर्द उठा तो, पति अपनी गर्भवती पत्नी को हाथ ठेले पर ही अस्पताल ले जाने के लिए निकला. इसी दौरान गर्भवती महिला की हाथ ठेले पर ही डिलीवरी हो गई और नवजात की मौत हो गई.
पूरी घटना सैलाना के कालिका माता रोड के रहने वाले कृष्णा ग्वाला की पत्नी नीतू के साथ हुई. प्रसव पीड़ा होने की वजह से उसे दो बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया लेकिन दोनों बार उसे वहां से लौटाया गया. जब रात में महिला को फिर से प्रसव पीड़ा हुई तो पति को अस्पताल ले जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला. वह अपने हाथ ठेले पर ही पत्नी को लिटाकर ले गया. इस दौरान ठेले पर ही महिला की डिलीवरी हो गई और नवजात की मौत हो गई. अब परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं. वही सैलाना एसडीएम मनीष जैन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं.
दो नर्स निलंबित
मामले के सामने आने के बाद सिविल सर्जन डॉक्टर एस सागर ने लापरवाही बरतने वाली दोनों नर्स चेतना चारेल और गायत्री पाटीदार को निलंबित कर दिया है. वही ड्यूटी डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखा गया है.
उठे कई सवाल
बहरहाल, सवाल इस बात का है कि अगर कोई गर्भवती महिला डिलीवरी के लिए सरकारी अस्पताल जाती है तो आखिर उसे लौटाया क्यों गया? किन परिस्थितियों में उसे वापस घर भेज दिया गया? इन सवालों के जवाब आना बाकी है. बड़ा सवाल यह कि आखिर लोगों को जीवन देने वाले धरती के डॉक्टरों की संवेदनाएं कैसे खत्म हो रही है?
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