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"50 लाख दहेज के लिए पति ने छत से धक्का दिया, 4 साल की बेटी भी छीन ली..."राज्यपाल की बहू ने लगाए गंभीर आरोप 

MP News: कर्नाटक के राज्यपाल  थावरचंद गेहलोत के पोते की पत्नी ने अपने ससुराल वालों पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. इसकी शिकायत रतलाम के एसपी से की है. आइए जानते हैं पूरा मामला ... 

"50 लाख दहेज के लिए पति ने छत से धक्का दिया, 4 साल की बेटी भी छीन ली..."राज्यपाल की बहू ने लगाए गंभीर आरोप 

Madhya Pradesh News: कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत के पोते देवेंद्र गेहलोत की पत्नी दिव्या गेहलोत ने पति और ससुराल पक्ष पर दहेज की मांग, शारीरिक-मानसिक उत्पीड़न और जानलेवा हमला जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. दिव्या ने मध्य प्रदेश के रतलाम एसपी अमित कुमार को लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है और ससुराल वालों के कब्जे में रखी गई 4 वर्षीय बेटी को वापस दिलाने की मांग की है.

50 लाख रुपये की मांग का आरोप

दिव्या के अनुसार नागदा के रहने वाले उनके पति देवेंद्र गेहलोत ,ससुर जितेंद्र गेहलोत जो आलोट से पूर्व विधायक रह चुके हैं , देवर विशाल गेहलोत और दादी सास अनिता गेहलोत लगातार दहेज के लिए प्रताड़ित करते रहे हैं. शिकायत में कहा गया है कि शादी से पहले कई महत्वपूर्ण बातें छिपाई गईं और शादी के बाद लगातार कहा जाता था कि तेरे पिता ने 50 लाख रुपये दहेज देने की बात कही थी अब क्यों नहीं देते? पैसे नहीं देने पर गाली-गलौज, मारपीट, घर से बाहर निकालना और मानसिक प्रताड़ना लगातार जारी रही. 2019 में समझौते के बाद भी हालात और खराब हो गए.

दिव्या का दावा है कि शादी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत ताल (आलोट) में हुई थी.ससुराल पहुंचने पर पता चला कि पति शराब और नशे के आदी हैं और अन्य महिलाओं से संबंध भी रखते हैं. दिव्या का आरोप है कि इन सब बातों को शादी से पहले छुपाया गया.

गर्भावस्था में भी बेरहमी से प्रताड़ित किया 

2021 में गर्भवती होने के बावजूद दिव्या पर दहेज का दबाव बढ़ा दिया गया. मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना जारी रही. बेटी के जन्म के बाद भी ससुराल का व्यवहार नहीं बदला, बल्कि स्थिति और बिगड़ती गई. 26 जनवरी 2025 को जानलेवा हमला और  छत से धक्का देने का आरोप  है. दिव्या ने शिकायत में लिखा है कि 26 जनवरी 2025 की रात पति देवेंद्र शराब के नशे में घर आए और बेरहमी से पीटा. आरोप है कि देवेंद्र ने कहा कि आज तू पैसे नहीं लाई तो तुझे खत्म कर दूंगा.इसके बाद उसे घर की छत से नीचे धक्का दे दिया गया, जिससे रीढ़, कंधे और कमर में गंभीर चोटें आईं.

दिव्या का आरोप है कि इतनी गंभीर हालत के बाद भी उसे पूरी रात अस्पताल नहीं ले जाया गया और अगले दिन नागदा के निजी अस्पताल पहुंचाया गया. डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति बताकर इंदौर के बॉम्बे अस्पताल रेफर किया.इस दौरान मायके वालों को सूचना तक नहीं दी गई.

दिव्या का कहना है कि उसकी 4 वर्षीय बेटी को जबरन अपने पास रखकर ससुराल पक्ष दबाव बना रहा है.उसे बेटी से मिलने तक नहीं दिया जा रहा.एक मां ही अपनी बच्ची की सही देखभाल कर सकती है, मेरी बेटी मुझे चाहिए।

रतलाम पुलिस से न्याय की मांग 

दिव्या ने रतलाम एसपी अमित कुमार से मुलाकात की.मामला नागदा क्षेत्र का होने के कारण उन्हें उज्जैन आईजी/एसपी को शिकायत देने की सलाह दी गई.हालांकि रतलाम पुलिस ने भी आवेदन को रिसीव किया है.

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