
Madhya Pradesh News: पन्ना टाइगर रिजर्व को देश और दुनिया में बाघों की बढ़ती हुई संख्या के लिए जाना जाता है. यहां बाघों की अटखेलिया देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं. यहां पर बाघों के साथ-साथ गिद्द ओर तेंदुए भी पाए जाते हैं. अक्सर यहां पर नई-नई प्रजाति के वन्य जीवों को भी कैमरा ट्रैप में देखा जाता है. इस पन्ना टाइगर रिजर्व में एक विलुप्त प्रजाति के भारतीय भेड़िये को कैमरा ट्रैप में देखा गया है.
पहले दिखी है यहां दुर्लभ प्रजाति की बिल्ली
इसके पहले भी पन्ना जिले में जंगली शिकारी बिल्ली भी देखी जा चुकी है, जो बहुत कम पाई जाती है. पन्ना जिले में टोटल 4 गेट बने है. नए साल में यहां बहुत दूर -दूर से टूरिस्ट सफारी करने आते है. जिनके चलते बुकिंग फुल रहती है. यहां घना जंगल होने के कारण यहां साइटिंग बहुत अच्छी होती है. कई बार सड़क पर ही टाइगर के दीदार हो जाते हैं.
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भारतीय भेड़िये को सबसे प्राचीन जीवित वंश का माना जाता है
फील्ड डायरेक्टर बृजेन्द्र झा ने बताया कि भारतीय भेड़िये को दुनिया के सबसे लुप्तप्राय और विकासवादी प्रजाति का माना जाता है. ये अलग भूरे या ग्रे भेड़िये की आबादी में से एक हैं. एक अध्ययन से पता चलता है कि भारतीय भेड़िये, भेड़ियों के सबसे प्राचीन जीवित वंश का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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