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This Article is From Jan 22, 2024

Ram Mandir Pran Pratishtha Day: 47 'नन्हे राम' और 'नन्ही सिया' ने लिया जन्म, माता-पिता ने कही ये बड़ी बात

Madhya Pradesh News: माता-पिता बनने जा रहे कई दंपत्तियों ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन यानी 22 जनवरी को प्रसव कराने का चिकित्सकों से अनुरोध किया था. जबकि, उन्हें प्रसव की ‘निर्धारित' तारीख इस तारीख के पहले या बाद की बताई गई थी. लिहाजा, इस दिन बड़ी संख्या में दंपती माता-पिता बने.

Ram Mandir Pran Pratishtha Day: 47 'नन्हे राम' और 'नन्ही सिया' ने लिया जन्म, माता-पिता ने कही ये बड़ी बात

Ram Temple Inauguration: लंबे इंतजार के बाद 22 जनवरी को अयोध्या राम जन्मभूमि स्थान (Ayodhya Ram Janm Bhumi sthan) पर रामलला (Ramlala) विराजमान हो गए. इससे देशभर के हिंदुओं में खुशी का माहौल है. कई लोगों ने इस पल को यादगार बनाने के लिए कई बड़े फैसले लिए. ऐसे में उन लोगों की खुशियां और भी दोगुनी हो गई, जिनके घर में इसी दिन संतान ने जन्म लिया. लोग इसे नन्हे राम और नन्ही सिया के रूप में देख रहे हैं. दरअसल, कई लोगों ने इस दिन को यादगार बनाने के लिए पहले से ही इस दिन डिलिवरी की तारीख ले रखी थी.

इन लोगों का मानना है कि इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे में ‘मर्यादा पुरुषोत्तम' राम के गुण होंगे. लिहाजा, माता-पिता बनने जा रहे कई दंपत्तियों ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन यानी 22 जनवरी को प्रसव कराने का चिकित्सकों से अनुरोध किया था. जबकि, उन्हें प्रसव की ‘निर्धारित' तारीख इस तारीख के पहले या बाद की बताई गई थी. लिहाजा, इस दिन बड़ी संख्या में दंपती माता-पिता बने.

47 बच्चों ने लिया जन्म

स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन यानी 22 जनवरी 2024 को मध्य प्रदेश के तीन जिलों के विभिन्न अस्पतालों में कम से कम 47 बच्चों को जन्म हुआ.  उन्होंने बताया कि इंदौर के तीन अस्पतालों में 33 बच्चों का जन्म हुआ. वहीं, दमोह में 13 और भोपाल में एक बच्चे का जन्म हुआ.  इंदौर के सरकारी पीसी सेठी अस्पताल के डॉ. वीरेंद्र राजगीर ने बताया कि अस्पताल में सोमवार को 18 बच्चों का जन्म हुआ, जिनमें नौ बच्चियां और इतने ही बच्चे शामिल हैं. राजगीर ने बताया कि 17 बच्चों का जन्म सामान्य प्रसव से हुआ, जबकि एक का सिजेरियन प्रक्रिया से हुआ.

दंपतियों ने पहले से कर रखा था प्लान

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमित्रा यादव ने बताया कि सरकारी एमटीएच अस्पताल में 11 शिशुओं का जन्म सामान्य प्रसव से हुआ, जबकि तीन का जन्म सिजेरियन प्रक्रिया से हुआ. इनमें से आठ लड़कियां और छह लड़के हैं. उन्होंने बताया कि सभी शिशु स्वस्थ हैं. इसी तरह देपालपुर सिविल अस्पताल की डॉ. सुषमा बोरीवाल ने बताया कि अस्पताल में सिजेरियन प्रक्रिया से एक बच्ची का जन्म हुआ. उन्होंने कहा कि यह बच्ची दंपति संजना और लोकेश की है. बच्ची के पिता लोकेश ने कहा कि मैं 22 जनवरी को प्रसव के लिए अस्पताल के डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों के संपर्क में था, लेकिन मुझे बताया गया कि गर्भावस्था का समय पूरा नहीं हुआ है. हालांकि, पूर्वाह्न करीब 11 बजे संजना ने प्रसव पीड़ा होने की शिकायत की, जिसके बाद ऑपरेशन किया गया.'' उन्होंने कहा कि जच्चा-बच्चा, दोनों स्वस्थ हैं.

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अभी पूरे राज्य का आंकड़ा नहीं हुआ है जारी

डॉ. मनीषा जैन ने बताया कि राजधानी भोपाल के एक निजी अस्पताल में सिजेरियन प्रक्रिया से एक बच्चे का जन्म हुआ. रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर (आरएमओ) डॉ. विशाल शुक्ला ने कहा कि दमोह जिले में दिन में सात लड़कों और छह लड़कियों का जन्म हुआ. धनकुंवर नाम की महिला ने कहा कि शुभ दिन जन्म लेने के कारण मैंने अपने बेटे का नाम राम रखा है. एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि राज्य भर में सोमवार को जन्मे बच्चों की कुल संख्या का विवरण जुटाने में समय लगेगा. अयोध्या के राम मंदिर में दोपहर साढ़े बारह बजे रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई.

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