
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) राज्य में बुंदेलखंड क्षेत्र के छतरपुर जिले में राजनगर विधानसभा क्षेत्र है, जो अनारक्षित है. पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 217008 मतदाता थे, जिन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी विक्रम सिंह (नाती राजा) को 40362 वोट देकर जिताया था. उधर, बीजेपी उम्मीदवार अरविंद पटैरिया को 39630 वोट हासिल हो सके थे, और वह 732 वोटों से हार गए थे.
इसी तरह वर्ष 2013 में राजनगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी कुंवर विक्रम सिंह (नाती राजा) को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 54643 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया "बाबा जी" को 46036 वोट मिल सके थे, और वह 8607 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे.
इससे पहले, राजनगर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी कुंवर विक्रम सिंह (नाती राजा) ने कुल 33621 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, और बीएसपी उम्मीदवार शंकर प्रताप सिंह (मुन्ना राजा) दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 30589 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, और वह 3032 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे.
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में मध्य प्रदेश में 114 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खाते में 109 सीटें आई थीं. बाद में कांग्रेस ने 121 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल के सामने पेश किया और कमलनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली. लेकिन डेढ़ साल में ही राज्य में नया राजनीतिक तूफ़ान खड़ा हो गया, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ BJP में शामिल हो गए. इससे BJP के पास बहुमत हो गया और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए. हालांकि इसके बाद राज्य में 28 सीटों पर उपचुनाव हुए और BJP 19 सीट जीतकर मैजिक नंबर के पार जा पहुंची. फिलहाल शिवराज सिंह 18 साल की अपनी सरकार की एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अगला कार्यकाल हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं, और BJP ने अपने सारे दिग्गजों को मैदान में उतार दिया है. दूसरी तरफ, कांग्रेस एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर पर सवार होकर सत्ता पाने का सपना संजोए हुए है. पार्टी को लगता है कि उसके लिए इस बार संभावनाएं पहले से अच्छी हैं. अब कामयाबी किसे मिलती है, यह तो चुनाव परिणाम ही तय करेंगे.