Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले (Rajgarh District) से एक दलित सरपंच को उसी की पंचायत के रोजगार सहायक ने झंडा वंदन (Flag Off) नहीं करने दिया. इस मामले पर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट की कड़ी आपत्ति जताते हुए सीएम से कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद कलेक्टर ने रोजगार सहायक को बर्खास्त कर दिया है. कलेक्टर की कार्रवाई के बाद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कलेक्टर को धन्यवाद दिया है.
दरअसल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स से एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने एक वीडियो शेयर किया था. इसके साथ ही दिग्विजय ने लिखा कि "देश 75 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, लेकिन हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. मान सिंह वर्मा को राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील की ग्राम पंचायत तरेना में सरपंच के ओहदे पर होने के बावजूद रोजगार सहायक लाखन सिंह ने झंडा वंदन नहीं करने दिया. उन्होंने आगे लिखा मेरे सीधे सवाल हैं, क्या अनुसूचित जाति का होना गुनाह है? क्या पंचायत भवन में सरपंच को झंडा फहराने का अधिकार नहीं है? मेरा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि ऐसे दोषी रोजगार सहायक लाखन सिंह को तत्काल निलंबित करना चाहिए और उसके खिलाफ ST-SC Atrocity एक्ट के तहत कार्रवाई करना चाहिए.
देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है लेकिन हालात सुधरने का नाम ही नही ले रहे। मान सिंह वर्मा जी को राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील की ग्राम पंचायत तरेना में सरपंच के ओहदे पर होने के बावजूद रोजगार सहायक लाखन सिंह ने झंडा वंदन नही करने दिया। @INCMP @CMMadhyaPradesh
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 27, 2024
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दिग्विजय सिंह द्वारा मामले को हाईलाइट करने के बाद मामला हाई प्रोफाइल हो गया. इसके बाद कलेक्टर राजगढ़ ने आनन-फानन में रोजगार सहायक को बर्खास्त कर दिया. कलेक्टर राजगढ़ ने अपने ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि "ग्राम पंचायत तरेना के ग्राम रोजगार सहायक की सेवाएं समाप्त कर दी गई है. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अक्षय तेम्रवाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत तरेना-86 जनपद पंचायत ब्यावरा के ग्राम रोजगार सहायक लखन सिंह सोंधिया ने सचिव की अनुपस्थिति में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर ग्राम पंचायत में ध्वाजरोहण सरपंच के स्थान पर अन्य व्यक्ति से कराते हुए सरपंच को उनके अधिकार से वंचित किए जाने संबंधी मामला सामने आया है.
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प्रकरण में ग्राम पंचायत में ध्वजारोहण सरपंच की ओर से ही किया जाना था, किंतु रोजगार सहायक लखन सिंह सोंधिया ने शासनिक प्रावधानों के विरुद्ध अन्य व्यक्ति से ध्वजारोहण कराया. इसकी वजह से रोजगार सहायक की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है.