मध्य प्रदेश: बीते 48 घंटों से जबलपुर में लगातार हो रही बारिश के चलते निचले और गहरे इलाकों में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. एसडीआरएफ ने 90 और होमगार्ड की कई टीमों ने 70 से ज्यादा लोगों को को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचा दिया है. एसडीआरएफ के प्रभारी नीरज सिंह ठाकुर ने बताया कि परीयट नदी के किनारे बसे गांव कंदराखेड़ा से ही एसडीआरएफ ने 30 से ज्यादा लोगों को निकाल कर सुरक्षित कैंपों में पहुंचाया गया है.
निगम आयुक्त स्वप्निल वांख ने निचले इलाकों में पानी निकालने के लिए विशेष दलों का गठन किया है और जिन जगहों पर अतिक्रमण के कारण पानी रुक रहा है उन्हें हटाकर पानी का बहाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह निगम अध्यक्ष रीकुंज विज रिंकू सुबह से ही शहर के जलजमाव वाले क्षेत्रों में लगातार घूम रहे हैं और लोगों की मदद कर रहे हैं.
बाढ़ को लेकर हाई अलर्ट
रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध के 15 गेट आज रात खोले जाएंगे. मूसलाधार बारिश ने बरगी बांध को भी लबालब कर दिया है. इस 36 घंटे की बारिश में 2 मीटर से ज्यादा जलभराव हो जाने के कारण रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध के 15 गेट रात 8:00 बजे 1.76 मीटर मीटर की ऊंचाई तक खोलने का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया है. बरगी बांध के कार्यपालन यंत्री अजय सूरे ने बताया कि गुरुवार की शाम तक जलस्तर 420.6 मीटर हो गया था और बांध में 13000 घन मीटर प्रति सेकंड वर्षा जल एकत्र हो रहा है. ऐसी उम्मीद है कि गेट खोले जाएंगे. 141860 क्यूसेक जल की निकासी की जा सकेगी.
नर्मदा नदी का जलस्तर 30 फुट तक बढ़ेगा
बरगी बांध के गेट खोले जाने से नर्मदा के आसपास गांव एवं क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति हो जाएगी, क्योंकि बरगी बांध के 15 गेट खोले जाने से नर्मदा नदी का जलस्तर 30 से 35 फुट तक बढ़ने की संभावना है, कलेक्टर सौरभ सुमन ने सभी नगर वासियों को बारिश के दौरान सतर्क रहने की अपील की है और तटीय क्षेत्रों के नागरिकों से कहा है कि वे तुरंत सुरक्षित ऊंचे स्थानों की ओर रहने के लिए चले जाए. बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था भी स्वयंसेवी संगठन एवं प्रशासन के द्वारा की जा रही है.
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