Rahul Gandhi Pachmarhi Visit: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का प्रचार बीच में छोड़कर 8 नवंबर 2025 को मध्य प्रदेश पहुंचे. यहां पचमढ़ी में राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं की ‘मास्टर क्लास' ली.
दरअसल, मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों का प्रशिक्षण शिविर चल रहा है. उसी में हिस्सा लेने के लिए राहुल गांधी पहुंचे हैं. राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर सियासत भी तेज हो गई है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राहुल गांधी पर बिहार चुनाव 2025 से दूरी बनाने को लेकर तंज कसा है. वहीं, राहुल गांधी ने प्रदेश में बच्चों के मिड-डे मील की बदहाली को लेकर मोहन यादव सरकार पर बड़ा हमला बोला है.

Photo Credit: @INCMP
पचमढ़ी में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के प्रशिक्षण शिविर के जरिए पार्टी की नजर 2028 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव पर है. राज्य के हिल स्टेशन पचमढ़ी में कांग्रेस जिलाध्यक्षों के लिए खास क्लास आयोजित की गई. कई दिनों से चल रहे इस शिविर में शनिवार को क्लास लेने खुद राहुल गांधी पहुंचे.
शनिवार दोपहर साढ़े तीन बजे राहुल गांधी हेलिकॉप्टर से पचमढ़ी पहुंचे और सीधे होटल हाईलैंड में बने प्रशिक्षण शिविर के सत्र में शामिल हो गए. शिविर में क्या हुआ और क्या रणनीति बनी, इसकी जानकारी तो बाहर नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि 2028 के एमपी विधानसभा चुनाव की रूपरेखा और संगठन की मजबूती पर फोकस रहा.

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इससे पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ मैराथन बैठक की. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री अरुण यादव और कमलेश्वर पटेल जैसे नेता बैठक में मौजूद रहे.
उधर, पचमढ़ी पहुंचने से पहले राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार पर बड़ा हमला बोला. एमपी के श्योपुर में बच्चों को रद्दी कागज पर मिड-डे मील खाते दिखाने वाला वीडियो पोस्ट करते हुए राहुल ने लिखा-“ये वही मासूम बच्चे हैं जिनके सपनों पर देश का भविष्य टिका है, और इन्हें इज्जत की थाली तक नसीब नहीं. 20 साल की बीजेपी सरकार ने बच्चों की थाली तक चुरा ली.”
बता दें कि मध्य प्रदेश के पचमढ़ी के सुकून भरे पहाड़ों के बीच कांग्रेस की रणनीति की खामोश बैठकों का यह दौर आने वाले महीनों में राज्य की राजनीति में कितना शोर मचाएगा, यह तो वक्त बताएगा. लेकिन इतना तय है कि राहुल गांधी का यह दौरा और सीएम का जवाब चुनावी मौसम में माहौल गरमा चुका है.
कांग्रेस के लिए ‘लकी' पचमढ़ी
पचमढ़ी से कांग्रेस का पुराना नाता रहा है. यह जगह पार्टी के लिए ‘लकी' मानी जाती है. साल 1998 में कांग्रेस ने यहां चिंतन शिविर आयोजित किया था, जिसमें सोनिया गांधी शामिल हुई थीं. इस शिविर के कुछ साल बाद ही कांग्रेस को मध्य प्रदेश में सत्ता मिली थी. कांग्रेस अब भी पचमढ़ी को शुभ मानती है, इसलिए 2028 चुनाव से पहले 'पचमढ़ी की रणनीति' के तहत पार्टी फिर से सियासी जमीन मजबूत करने में जुटी है.