
Rahul Gandhi Statement: 3 जून 2025 को राहुल गांधी भोपाल दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि "एक है बारात वाला घोड़ा, एक है रेस वाला और एक है लंगड़ा! हमें छाटना है और बारात वाले को बारात में भेजना है, रेस वाले को रेस में भेजना है और लंगड़े वाले को रिटायर करना है." उनके इस बयान पर पैरालंपिक खिलाड़ी से लेकर देश के नेताओं ने आपत्ति जताई है. केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी द्वारा अपने भोपाल प्रवास पर लंगड़े घोड़े शब्द के उपयोग पर आपत्ति जताई.
पहले सुनिए राहुल गांधी का बयान
दो घोड़े तो सबको पता दे तीसरे घोड़े का पता चुनाव बाद चला और क्या पता चला मंच से बोल दिया गया
— Manjeet Ghoshi (@ghoshi_manjeet) June 3, 2025
लंगड़ा घोड़ा अब केवल AICC की घांस खायेगा और मस्ट रहेगा
वैसे किसकी बात हो रही है कोई बताएगा जो लोग समझ रहे है वो तो रेस का घोड़ा है ये किसी और की बात हो रही है pic.twitter.com/TewiNbd8iE
पैरालंपिक प्लेयर ने क्या कहा?
राहुल गांधी के इसी बयान को लेकर अंतरराष्ट्रीय पैरा स्विमर सतेंद्र लोहिया X पर पोस्ट कर कहा- "आदरणीय राहुल गांधी जी को विनम्र निवेदन. आप देश के राष्ट्रीय स्तर के सम्माननीय राजनेता हैं, और मैं व्यक्तिगत रूप से आपका लंबे समय से आदर करता आया हूं. मैं एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का पैरा स्विमर हूं साथ में दिव्यांग हूं, और इस देश का एक जिम्मेदार नागरिक भी हूं. हाल ही में भोपाल में दिए गए आपके एक सार्वजनिक वक्तव्य में आपने “लंगड़ा” शब्द का प्रयोग किया, जिसे सुनकर मन अत्यंत आहत हुआ. यह शब्द न केवल असंवेदनशील है, बल्कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अनुसार यह शब्दावली विलुप्त की जा चुकी है और कानूनी रूप से आपत्तिजनक मानी जाती है. यह अधिनियम भारत की संसद द्वारा पारित किया गया है, और इसके पीछे उद्देश्य यही था कि दिव्यांग जनों को समाज में सम्मान और गरिमा के साथ स्थान मिले. माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा हमें “दिव्यांग” जैसा सकारात्मक शब्द दिया गया, जो हमारी क्षमताओं को दर्शाता है, न कि हमारी चुनौतियों को. ऐसे में जब देश किसी भी पार्टी के राष्ट्रीय नेता से इस प्रकार का असंवेदनशील शब्द सुनने को मिलता है, तो यह केवल एक व्यक्ति नहीं, पूरे दिव्यांग समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है. मैं नहीं जानता कि आपने किस संदर्भ में यह शब्द कहा, लेकिन मैं निवेदन करता हूं कि आप इस विषय पर एक स्पष्टीकरण दें, और भविष्य में दिव्यांग जनों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए, इस प्रकार की भाषा के उपयोग से बचें. हम दिव्यांग लोग भी इस देश के नागरिक हैं, हमारा भी आत्मसम्मान है, और हमारा भी प्रतिनिधित्व है. हम केवल सहानुभूति नहीं, समान अधिकार और सम्मान की अपेक्षा रखते हैं आपसे निवेदन है कि आप इस विषय को गंभीरता से लें और देश के करोड़ों दिव्यांग जनों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, उचित प्रतिक्रिया दें."
आदरणीय @RahulGandhi जी को विनम्र निवेदन
— Dr. Satendra Singh Lohiya डॉ.सतेंद्रसिंह लोहिया 🏊 (@SatendraSLohiya) June 5, 2025
आप देश के राष्ट्रीय स्तर के सम्माननीय राजनेता हैं, और मैं व्यक्तिगत रूप से आपका लंबे समय से आदर करता आया हूं। मैं एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का पैरा स्विमर हूं साथ में दिव्यांग हूं, और इस देश का एक जिम्मेदार नागरिक भी हूं।
हाल ही में भोपाल में… pic.twitter.com/6kLR3hyp3p
सिंधिया ने क्या कहा?
ग्वालियर दौरे पर पहुंचे सिंधिया ने कहाकि विकलांग शब्द की जगह अब हम सब दिव्यांग शब्द का उपयोग करते हैं जिसका मतलब वे लोग जिन्हे भगवान का विशेष आशीर्वाद हैं उन्हें तो हमें प्रणाम करना चाहिए लेकिन उलटे उन्हें अपशब्दों का, ऐसे शब्द का उपयोग करते हैं. ये किस हद तक जाएंगे इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती.
कांग्रेस ने भैंस की बात कही
कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि "जो बात के राहुल जी ने कहा है वह इंसान के लिए नहीं है और लंगड़ा घोड़ा तो एक मुहावरा है मुहावरों से अगर कोई नाराज होने लगेगा तो फिर वाणी की स्वतंत्रता पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है. उन्होंने यह शब्द किसी व्यक्ति विशेष या किसी समूह के लिए इस्तेमाल नही किया है. यह एक मुहावरा है. अब कोई काली भैंस कहने पर बुरा माने की हमारी भैंस काली है, हमको कुछ कह रहे हैं तो यह बेवजह की बातें हैं, उनकी मांग गलत है. राहुल जी ने कहा है तो निश्चित तौर पर कांग्रेस में इस बात पर मंथन चल रहा होगा ,धुंआ अगर उठ रहा है तो नीचे कुछ आग भी तो होगी."
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