
Asha Workers and Usha Workers Salary: मध्य प्रदेश में आशा और ऊषा कार्यकर्ता के वेतन का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. इसी साल आशा ऊषा आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा ने 10 मार्च 2025 को विधानसभा सत्र के पहले दिन प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया था. उनका कहना था कि बिना किसी भेदभाव के आशा कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों को 1,000 रुपये की वार्षिक वेतन वृद्धि का तुरंत भुगतान किया जाए. वहीं अब कांग्रेस के सीनियर लीडर और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आशा-ऊषा कार्यकताओं की सैलरी पर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले पांच महीने से इन कार्यकर्ताओं को वेतन नहीं मिला है यह शर्मनाक है. आइए देखते हैं कांग्रेस नेता ने क्या कुछ कहा.
शर्मनाक ! 5 महीने से आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं को वेतन नहीं मिला, यह सरकार की अक्षमता और असंवेदनशीलता की हद है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 5, 2025
हमारी आशा और ऊषा कार्यकर्ताएं वो मेहनती बहनें हैं, जो गाँव-गाँव जाकर माताओं और बच्चों की जान बचाती हैं, स्वास्थ्य सेवाओं को आखिरी छोर तक पहुँचाती हैं, लेकिन इस अंधी और बहरी… pic.twitter.com/5LsW6ESJ7k
क्या यही सम्मान है जो हमारी सरकार इन नारी शक्तियों को दे रही है? : कमलानाथ
कमलनाथ ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि "शर्मनाक ! 5 महीने से आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं को वेतन नहीं मिला, यह सरकार की अक्षमता और असंवेदनशीलता की हद है. हमारी आशा और ऊषा कार्यकर्ताएं वो मेहनती बहनें हैं, जो गाँव-गाँव जाकर माताओं और बच्चों की जान बचाती हैं, स्वास्थ्य सेवाओं को आखिरी छोर तक पहुँचाती हैं, लेकिन इस अंधी और बहरी सरकार मे पिछले 5 महीने से बिना वेतन के काम कर रही हैं. क्या यही सम्मान है जो हमारी सरकार इन नारी शक्तियों को दे रही है?"
कमलनाथ ने आगे लिखा कि "इन बहनों ने दिन-रात मेहनत की, गर्मी, बारिश, और हर मुश्किल का सामना किया, लेकिन सरकार ने इनके परिवारों को भूखा मारने की ठान ली है. 5 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण इनके बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, घर का राशन खत्म हो रहा है, और ये बहनें हर दिन अपमान और लाचारी झेल रही हैं. ये कैसी सरकार है? जो अपनी जिम्मेदारियों को भूल चुकी है? जो मेहनतकश महिलाओं की मेहनत का मोल नहीं समझती? ये सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि क्रूरता है."
सीएम मोहन से पूछे सवाल
कमलनाथ अपनी पोस्ट में आगे लिखते हैं कि "मुख्यमंत्री जी, क्या यही है आपका “नारी सशक्तिकरण”? क्या यही है सरकार का “लाड़ली प्रेम”? शर्म करो, सरकार!"
कांग्रेस नेता ने कहा कि "मैं सरकार से आग्रह करता हूँ कि तुरंत आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं का वेतन दो. इनका हक दो. इनके परिवारों को भूखा मत मारो. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम चुप नहीं रहेंगे. हम सड़कों पर उतरेंगे, और इन बहनों के हक के लिए लड़ेंगे. ये अपमान बर्दाश्त नहीं होगा."
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