Pune Hit and Run Case: पुणे में हुए हिट और रन मामले में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) की रहने वाली अश्वनी कोस्टा की भी मौत हो गई. मृतक अश्विनी कोस्टा का आज मंगलवार को जबलपुर में अंतिम संस्कार कर दिया गया. उनका अंतिम संस्कार गौरी घाट में हुआ. वहीं उनके परिवारजनों ने कानून पर भरोसा जताते हुए कठोर से कठोर सजा की मांग की है. आरोपी को जमानत दिए जाने पर परिवारजनों में आक्रोश है. उनका कहना है कि 17 साल 8 माह आरोपी नाबालिग नहीं माना जाना चाहिए.
दरअसल, पुणे में हुए चर्चित हिट एंड रन मामले के नाबालिग आरोपी को कोर्ट ने जमानत दे दी है. जिसके बाद मृतकों के परिवारजनों में आक्रोश है. हालांकि, ट्रोल होने के बाद पुणे पुलिस (Pune Police) ने नाबालिग आरोपी के बिल्डर पिता को गिरफ्तार (Builder Father Arrested) कर लिया है. आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल पर अपने नाबालिग बेटे को पोर्शे कार चलाने देने का आरोप है. बिना ड्राइविंग लाइसेंस के आरोपी कार चला रहा था.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी अश्वनी
पुणे में हुए बहुचर्चित हिट एंड रन केस में जबलपुर की युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर की दर्दनाक मौत हो गई. पुणे के कल्याणी नगर में हुए इस हादसे में जबलपुर के शक्ति नगर से लगे साकार हिल्स में रहने वाली 25 साल की अश्वनी कोष्टा ने हादसे के तुरंत बाद मौके पर ही दम तोड़ दिया. अश्विनी के शव को सोमवार की शाम पुणे से जबलपुर लाया गया. परिवार में सबसे छोटी होने के कारण अश्वनी को सभी लोग प्यार से आशी कह कर बुलाया करते थे. सड़क हादसे में आशी की दर्दनाक मौत की जैसे ही खबर आई परिवार में मातम छा गया.
जबलपुर के शक्ति नगर से लगे साकार हिल्स कॉलोनी में रहने वाले सुरेश कुमार कोष्टा बिजली विभाग में कार्यालय सहायक के पद पर पदस्थ हैं, उनका एक बेटा सम्प्रित बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, जबकि बेटी अश्विनी पिछले 2 साल से पुणे में रहकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम कर रही थी. अश्विनी इसके पहले अमेजॉन कंपनी में थी, 1 साल पहले ही उसने स्विच करके जॉनसन कंट्रोल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ज्वाइन किया था.
ऐसे हुआ हादसा
रविवार तड़के अश्वनी अपने साथ काम करने वाले अनीश अवधिया के साथ रेस्टोरेंट से निकलकर अपने रूम जा रही थी कि इसी बीच कल्याणी नगर के पास करोड़ों की पोर्शे कार पर सवार बिल्डर के बेटे ने बेलगाम रफ्तार से भगाते हुए मोटरसाइकिल पर सवार दोनों को जोरदार टक्कर मार दी. अचानक हुए इस दर्दनाक हादसे में अश्वनी और उसके दोस्त अनीश की मौके पर ही मौत हो गई.
आरोपी को रिहा करने के खिलाफ आक्रोश
बता दें कि पोर्शे कंपनी की करीब 2 करोड़ की कार एक नाबालिग चला रहा था, जो पुणे के एक बड़े बिल्डर का बेटा है. हादसे के तुरंत बाद नाबालिग आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड ने चंद घंटे में ही जमानत दे दी. जिन शर्तों पर किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत दी है उससे मृतक के परिवार वाले भी हैरत में हैं और वे इसके खिलाफ आक्रोश भी जता रहे हैं. अश्विनी कोष्टा उर्फ आशी के परिवार वालों का कहना है कि आशी को इंसाफ दिलाने के लिए वे हर स्तर की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. आशी का शव सोमवार की शाम को पुणे से जैसे ही उसके घर पहुंचा तो परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल था और आसपास के लोग भी आशी को आखिरी बार देखने के लिए जमा होने लगे.
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