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कॉलेज के प्रिंसिपल को पहनाई चूड़ी, छात्राओं को मिले जीरो नंबर तो ऐसे निकाला गुस्सा

Avadhesh Pratap Singh University : छात्राओं का आरोप है कि जांच सही ढंग से नहीं हुई. जवाब कॉपियों को ठीक से जांचा नहीं गया जिससे मेधावी छात्राएं भी फेल हो गईं. कॉलेज प्रशासन ने कहा कि यह गड़बड़ी उनके स्तर पर नहीं हुई है.

कॉलेज के प्रिंसिपल को पहनाई चूड़ी, छात्राओं को मिले जीरो नंबर तो ऐसे निकाला गुस्सा
फाइल फोटो

MP News in Hindi : रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय पिछले कई समय से सुर्ख़ियों में हैं. जब इस यूनिवर्सिटी ने BA, BSc और B. Com के दूसरे साल के रिजल्ट जारी किए तो  इन नतीजों ने सबको गहरी चिंता में डाल दिया. करीब एक हजार से ज्यादा छात्राओं को हिंदी और अंग्रेजी जैसे विषयों में शून्य अंक दिए गए. अपना रिजल्ट देखकर छात्राएं हैरान रह गईं. कई छात्राएं जो हमेशा अच्छे अंक लाती थीं... उन्हें भी फेल कर दिया गया. इस गड़बड़ी के बाद विश्वविद्यालय के मूल्यांकन प्रक्रिया (Evaluation Process) पर सवाल खड़े हो गए हैं. आलम ऐसा है कि अब तक इसका हल नहीं निकल पाया हैं. इसी कड़ी में प्रिंसिपल और विश्वविद्यालय प्रशासन को जगाने के लिए छात्र एक बार फिर से इकट्ठा हुए.

प्रिंसिपल को पहनाई चूड़ी 

इंदिरा कन्या कॉलेज की छात्राओं ने NSUI के साथ मिलकर प्रिंसिपल के खिलाफ प्रदर्शन किया. छात्रों ने प्रिंसिपल के ऑफिस के बाहर ढोल बजाए और प्रिंसिपल को चूड़ियां पहनाने की कोशिश की. विरोध इतना बढ़ गया कि पुलिस को मौके पर तैनात करना पड़ा.

क्यों आई ये नौबत ?

यूनिवर्सिटी ने मूल्यांकन का काम भोपाल की एक एजेंसी को ठेके पर दिया था. छात्राओं का आरोप है कि जांच सही ढंग से नहीं हुई. जवाब कॉपियों को ठीक से जांचा नहीं गया जिससे मेधावी छात्राएं भी फेल हो गईं. कॉलेज प्रशासन ने कहा कि यह गड़बड़ी उनके स्तर पर नहीं हुई है. उन्होंने उन छात्राओं की सूची विश्वविद्यालय को भेजी है जिनके शून्य अंक आए हैं. यूनिवर्सिटी ने अब तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया.

एक महीने से हो रहा विरोध

पिछले एक महीने में छात्र संगठन चार बार प्रदर्शन कर चुके हैं. लेकिन अब तक नतीजों में सुधार नहीं हुआ है. इस समस्या ने सैकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य खतरे में डाल दिया है. छात्राओं का कहना है कि परीक्षा कॉपियों की जांच सही ढंग से नहीं हुई. उन्होंने पूछा कि भोपाल की जिस एजेंसी को यह काम सौंपा गया, वह किस नियम के तहत नियुक्त की गई? विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है.

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Exam फीस को लेकर भी सवाल

छात्राओं ने आरोप लगाया कि दुबारा परीक्षा के लिए Extra Charge वसूला जाता है... जो विश्वविद्यालय की आय का जरिया बन गया है. ये समस्या सिर्फ इंदिरा कन्या महाविद्यालय तक सीमित नहीं है बल्कि अन्य शासकीय कॉलेजों में भी यही हाल है. छात्राओं का आरोप है कि यह गड़बड़ी कॉलेज प्रशासन की लापरवाही से हुई है.

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