Madhya Pradesh Positive News : जेल में कैद बंदियों (Prisoners), महिलाओं एवं बालकों (Women and Children) तथा ऐसे व्यक्ति जो आपराधिक मामलों (Criminal Cases) में अपने लिए अधिवक्ता नियुक्त करने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे विचाराधीन प्रकरणों में मुकदमें की पैरवी के लिए मध्य प्रदेश के धार जिले में नि:शुुल्क अधिवक्ता सहायता (Free Lawyer Help) दी जा रही है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में धार मुुख्यालय पर लीगल एंड डिफेंस काउंसिल (Legal and Defense Council) के नाम से कार्यालय स्थापित किया गया है. इसमें 6 अधिवक्ताओं की टीम तैनात की गई है. अधिवक्ता सतीश ठाकुर को काउंसिल टीम का चीफ बनाया गया है.
जल्द न्याय मिलने की उम्मीद जागी
काउंसिल का उद्देश्य शीघ्र न्याय एवं शीघ्र प्रकरणों का निराकरण करवाना है. उल्लेखनीय है कि जेल में कई ऐसे लोग बंद हैं, जिनके पास अपने केस को लड़ने के लिए अधिवक्ता सहायता नहीं होती है. ऐसे लोग निर्धन वर्ग से आते हैं. अधिवक्ता नहीं कर पाने के कारण कई मामले लंबे समय तक अटके रहते हैं. इस तरह की व्यवस्था से इस श्रेणी के लोगों को शीघ्र न्याय मिलने की उम्मीद बंध गई है. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority) नई दिल्ली एवं मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार धार में इस तरह की व्यवस्था शुरू की गई है.
120 मुकदमों में दी सहायता
अधिवक्ता सहायता के लिए काउंसिल में चीफ अधिवक्ता सतीश ठाकुर, दो डिप्टी चीफ श्रीमती नीति आचार्य एवं जीशान मोहम्मद शेख तथा तीन सहायक हर्षवर्धन चौहान, आदित्य फाटक एवं रूबिना बानों (शाह) शेख की नियुक्ति की गई है. कुल 6 अधिकारी, कमर्चारी की टीम का गठन किया गया है. अब तक काउंसिल के माध्यम से कुल 120 प्रकरणों में पैरवी की जा रही हैं. जिनमें 52 प्रकरणों का निराकरण कर पक्षकार को न्याय दिलवाया गया हैं. वहीं जेल में निरूद्ध बंदी जो अपना अधिवक्ता नियुक्त नहीं कर पा रहे थे, उन्हें एलएडीसीएस के माध्यम से नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराकर जमानत करवाई गई है.
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