
बड़वानी जिले के पाटी थाना क्षेत्र में पुलिस की बर्बरता सामने आई है. आरोप है कि चार युवकों को चोरी के संदेह में थाने लाया गया, जहां उन्हें पुलिस ने लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा. युवकों के शरीर पर पिटाई के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं. चारों का आरोप है कि बिजली का करंट भी लगाया और बेहोश होने तक पीटा. युवकों का कहना है कि पुलिस ने उनसे जुर्म कबूल करने को कहा था, अगर नहीं करेंगे तो और पीटने की धमकी दे रही थी.
युवकों का कहना है कि जब पुलिस को हमारे पास कुछ नहीं मिला तो हमें छोड़ दिया. फिर परिजनों ने युवकों को अस्पताल में भर्ती कराया. घायल युवकों की पहचान करण, मनीष, भाईजन और मुकेश के रूप में हुई है.
चोर समझकर बुरी तरह पीटा
पीड़ित करण के अनुसार, थाना प्रभारी और अन्य पुलिस कर्मियों ने उन्हें चोर समझकर थाने में बुरी तरह पीटा. बाद में जब पुलिस को पता चला कि वे चोर नहीं हैं तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जयस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजू पटेल ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
थाना प्रभारी ने क्या कहा
पाटी थाना प्रभारी रामदास यादव ने सभी आरोपों को खारिज किया है. उनके अनुसार, 7-8 सितंबर की रात को थावरिया बारेला के यहां चोरी हुई थी. चोरी पीड़ित ने इन युवकों पर संदेह जताया था, क्योंकि वे गणेश जी का चंदा लेने उनके यहां आए थे. रामदास यादव ने बताया कि युवकों को केवल पूछताछ के लिए थाने लाया गया था. पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया और इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है. उनका कहना है कि युवक खुद अस्पताल में भर्ती हुए और अब पुलिस पर झूठे आरोप लगा रहे हैं.
वहीं, इस मामले का संज्ञान लेते हुए एसपी ने तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर 7 दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देशित किया.
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