PM Fasal Bima Yojana Hindi: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की बुधवार को मंजूरी दी. इसके लिए बाकायदा 69 हजार 515.71 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया. इस योजना के तहत फसलों को बुवाई से लेकर कटाई तक की अवधि में प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान की जाएगी. कृषि मंत्री ने इसे किसानों के लिए एक बड़ा कदम बताया.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2016 में संशोधित की गई थी, जिससे यह किसानों के लिए और भी उपयोगी बनी. पहले की योजना में केवल उन किसानों को शामिल किया जाता था, जिन्होंने लोन लिया हो. अब इस योजना की इकाई ब्लॉक या तहसील के बजाय गांव या ग्राम पंचायत कर दी गई है. इससे यदि किसी गांव में फसल खराब होती है, तो किसान को बीमा का लाभ मिल सकेगा.
फसल बीमा के तहत जोखिम कवरेज
योजना के तहत फसल बीमा का कवरेज बुवाई से लेकर कटाई तक होगा. यदि बीज बोने के बाद बारिश या किसी अन्य आपदा से फसल खराब होती है, तो किसान को बीमा का क्लेम मिलेगा. यहां तक कि कटाई के बाद की खराबी, जैसे बारिश से फसल भीगने पर भी बीमा का लाभ मिलेगा.
DAP भंडारण पर विशेष ध्यान
इस बार सरकार ने डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) का अग्रिम भंडारण सुनिश्चित करने का फैसला किया है. किसानों को 50 किलो डीएपी बैग 1350 रुपये की रियायती दर पर मिलेगा, जबकि इसकी वास्तविक लागत 2433 रुपये है. यानी सरकार प्रति बैग 1043 रुपये की सब्सिडी देगी.इसके लिए 3850 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिससे किसानों को समय पर और सस्ता डीएपी उपलब्ध कराया जा सके. पिछले साल की आपूर्ति में देरी को ध्यान में रखते हुए, इस बार अंतरराष्ट्रीय आयात को अग्रिम रूप से सुनिश्चित किया गया है.
चावल निर्यात को बढ़ावा
एक अन्य अहम निर्णय में सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इंडोनेशिया के साथ समझौता किया है.इसके तहत भारत इंडोनेशिया को एक मिलियन मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात करेगा. इससे किसानों को उनके चावल की बेहतर कीमत मिलेगी.चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य (Minimum Export Price) की शर्त को भी हटाया गया है.
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कृषि क्षेत्र की विकास दर में बढ़ोतरी
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की विकास दर 3.50% से 4% के बीच रहने की संभावना है. यह किसानों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो भारत की कृषि क्षमता को दर्शाता है.उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नए साल को किसानों के लिए समर्पित किया है. फसल बीमा योजना की अवधि बढ़ाना, डीएपी का अग्रिम भंडारण और चावल निर्यात को बढ़ावा जैसे सरकार के इन तीनों बड़े फैसलों से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं.
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