
MP EDUCATION SYSTEM: मध्य प्रदेश के गौरवशाली शैक्षणिक संस्थानों में गिना जाने वाला शहीद केदारनाथ महाविद्यालय इन दिनों गहरे संकट से जूझ रहा है. पीएम एक्सीलेंस कॉलेज का दर्जा प्राप्त यह संस्थान करीब 6000 से ज्यादा छात्रों को उच्च शिक्षा देने का दावा करता है, लेकिन यहां केवल 16 स्थायी प्रोफेसर कार्यरत हैं.
हालांकि शासन द्वारा 14 प्रोफेसरों की डिप्लॉयमेंट की गई थी, लेकिन आदेश की अनुपलब्धता के कारण आज तक इनमें से कोई भी महाविद्यालय में उपस्थित नहीं हुआ. चौंकाने वाली बात यह है कि ये डिप्लॉयमेंट प्रोफेसर भोपाल में उपस्थिति दे रहे हैं, जबकि वेतन शहीद केदारनाथ महाविद्यालय से आहरित किया जा रहा है.
प्रशासनिक भवन भी दानदाताओं द्वारा दान की गई भूमि पर संचालित हो रहा है, लेकिन बुनियादी जरूरतों—विशेषकर शिक्षकों की—की घोर अनदेखी हो रही है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब पढ़ाने वाले ही नहीं होंगे तो छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और रोजगारमुखी शिक्षा कैसे मिलेगी?
कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों को स्किल डेवलपमेंट और कैरियर ओरिएंटेड एजुकेशन देने की दिशा में कई प्रयास किए हैं, लेकिन स्टाफ की भारी कमी सभी योजनाओं को अधूरा छोड़ रही है. प्रबंधन का उद्देश्य नए सत्र में छात्र संख्या को 7000 तक पहुंचाना है, परंतु जब शिक्षकों का ही घोर अभाव रहेगा तो यह संख्या केवल आंकड़ों में सिमटकर रह जाएगी.
इंडोर गेम्स के लिए 5 करोड़ 58 लाख रुपये लेकिन...
उल्लेखनीय है कि हाल ही में कॉलेज को इंडोर गेम्स के लिए 5 करोड़ 58 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है, लेकिन शैक्षणिक स्टाफ के अभाव में यह राशि भी निष्क्रिय पड़ीर हेगी.