
Pitru Paksha Ujjain: श्राद्ध पक्ष में जेल में बंद कई महिला और पुरुष कैदी अपने पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान (Pinddan) करना चाहते थे, लेकिन नियमों के चलते मन मसोस कर रहने को मजबूर थे. इसी को देखते हुए मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में स्थित भैरवगढ़ जेल (Bhairogarh Jail) प्रशासन ने शनिवार को पहली बार जेल के सभागृह में स्क्रीन लगाकर विभिन्न सिद्ध क्षेत्र के दर्शन कराते हुए स्थानीय पुरोहित द्वारा कैदियों से पूर्वजों के लिए सामूहिक रूप से श्राद्ध कर्म करवाया गया.

जेल में कैदियों ने किया पिंडदान
इन जगहों पर पिंडदान करने की है खास मान्यता
हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उज्जैन के सिद्धवट, रामघाट और गयाकोठा पर परिजनों द्वारा श्राद्ध पक्ष में पूर्वजों का पिंडदान करने से उन्हें मुक्ति मिलती है. यही वजह है कि इस मौके पर देशभर से श्रद्धालु श्राद्ध कर्म करने आते है. लेकिन, नियमों के चलते इसी क्षेत्र में स्थित केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में निरुद्ध बंदी इन सिद्धवट क्षेत्र में जाकर तर्पण कार्य नहीं करा सकते है. यही वजह है कि जेल अधीक्षक मनोज साहू ने पहली बार जेल में ही तर्पण कराने का निर्णय लेकर पूजन की व्यवस्था कर दी. बंदियों ने सामूहिक रुप से शनिवार दोपहर 1 बजे तक अपने पितरों की आत्मा शांति के लिए पूजन किया. खास बात यह है कि आयोजन के लिए पुरोहित श्याम पंचोली पूजन सामग्री तो उपलब्ध करवाई ही, साथ ही श्राद्ध कर्म भी करवाया.
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LED पर तीर्थ स्थल के कराए दर्शन
घोड़ी वाला पंडा श्याम पंचोली ने बताया कि गयाजी तीर्थ के वीडियो के माध्यम से दर्शन कराने की वजह बंदियों की भी अपनी कामना होती है, कि बिहार के गया जी में पितृ कर्म किया जाए. लेकिन, जेल में बंदी होने से वह तीर्थ स्थल नहीं पहुंच पाते है. जेल परिसर सिद्धवट तीर्थ के समीप होकर मां शिप्रा के किनारे होने से यहां पूजन करने से प्राप्त होता है. केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के अधीक्षक मनोज साहू ने कहा कि जेल के बंदियों के लिए शनिवार को तर्पण और पूजन कार्य स्थानीय पुरोहित द्वारा करवाया गया. जिससे श्राद्ध पक्ष के चलते बंदियों को भी लाभ मिल सके. जेल के 147 बंदियों ने तर्पण किया है.
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