Betel Leaf Cultivation in MP: बेरोजगारी के चलते बड़ी संख्या में लोग बुंदेलखंड से पलायन कर रहे हैं. ये लोग किसानी छोड़कर नौकरी की तलाश में शहर की ओर रुख कर रहें हैं, क्योंकि इनकी ऐसी धारणा है कि खेती घाटे का सौदा है, लेकिन मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक युवा किसान ने इस सोच और धारणा को बदल दिया है. छतरपुर के गढ़ी मलहरा के रहने वाले युवा किसान राजेश चौरसिया ने पान की खेती कर इसका उदाहरण पेश कर दिया कि खेती-किसानी से भी तरक्की की नई इबादत गढ़ी जा सकती है.
पान की खेती ने बदल दी युवा किसान की किस्मत
दरअसल, युवा किसान राजेश चौरसिया पान की खेती कर रहे हैं और इनकी पान की डिमांड भारत के साथ-साथ अरब कंट्री में भी हो रहा है. वहीं राजेश चौरसिया न सिर्फ लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं, बल्कि बेरोजगार लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं.
बता दें कि छतरपुर जिले का पान पूरे हिंदुस्तान के अलावा अरब कंट्री में भी जाता है. इस पान की अरब कंट्री में ज्यादा डिमांड होने लगा है. इतना ही नहीं इस पान ने छतरपुर के किसानों की किस्मत बदल दी है. छतरपुर के गढ़ी मलहरा के रहने वाले युवा किसान राजेश चौरसिया पान की खेती से न सिर्फ अपनी किस्मत बदली है, बल्कि अपने गांव से होने वाले पलायन को भी रोक रहे हैं.
तीन एकड़ में पान की खेती से हो रहा इतना लाख का मुनाफा
युवा किसान राजेश चौरसिया ने बताया कि पान की खेती करीब 2 साल से कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक बीघा में खेती करने पर लगभग 50 हजार रुपये खर्च होता है, जबकि मुनाफा एक लाख तक होता है. अगर बारिश हो जाए तो मुनाफा थोड़ा कम हो पाता है. उन्होंने बताया कि तीन एकड़ में पान की खेती करने पर ढाई से तीन लाख तक मुनाफा हो जाता है.
राजेश चौरसिया ने बताया कि तीन एकड़ में पान की खेती कर रहे हैं. इससे पहले इनके पिता इसकी खेती किया करते थे.
10 लोगों को दे रहे रोजगार
युवा किसान राजेश चौरसिया ने बताया कि हमारे गढ़ी मलहरा महाराजपुर पनागर लगभग 12 ग्रामों और यूपी के महोबा जिला क्षेत्र में पान की खेती की जाती है. यहां पर हजारों लोग पान की खेती करते हैं और इससे मुनाफा कमाते हैं. इस पान की डिमांड ज्यादातर मुस्लिम एरिया में होती है. पान से अच्छी खासी आमदनी हो जाती है, जिससे हम और हमारा परिवार का पालन होता है. इसके अलावा हम अपने गांव के लगभग चार से 10 लोगों को रोजगार भी देते हैं. काम के करने के लिए 10 हजार रुपये प्रति महीना देते हैं.
पान की खेती कैसे करें?
किसान राजेश ने बताया कि पान की खेती में पहले पान की रोपण किया जाता है. इसके बाद में उसको चारों तरफ से पंडाल जैसा बनाया जाता है, जिससे हवा पानी और धूप न लगे. खास तौर से ठंड में तुषार पाल लगने की ज्यादा संभावनाएं रहती हैं, जिससे परेशानी आती है, क्योंकि पाल पढ़ने की वजह से पान की खेती में नुकसान हो जाता है. वहीं जयादा ठंड गिरने पर पान की खेती के चारों तरफ आग जलाई जाती है, जिससे यहां का टेंपरेचर कम ना हो सके.
किस मौसम में होती है पान की खेती?
युवा किसान राजेश चौरसिया ने बताते हैं कि पान की खेती के लिए सबसे अच्छा मौसम फरवरी से लेकर जुलाई तक रहता है, जिससे ना तो पान की खेती में कोई रोग लगता है और ना ही पाला पड़ने का डर रहता है. गर्मियों के दोनों में जब तेज धूप होती है तो पान की खेती में आग लगने का भी डर रहता है, जिससे पान की खेत पर हमेशा एक व्यक्ति को 24 घंटे रहना पड़ता है.
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राजेश चौरसिया ने बताया कि उन्होंने उद्यान विभाग से भी मदद लिया है. उद्यान विभाग से अनुदान लेकर पान की खेती को और आगे बढ़ाया. उद्यान विभाग की तरफ से समय-समय पर जरूरी टिप्स भी मिलते रहता है. जिससे फसल की पैदावार में कोई समस्या न आए.
पान की खेती से लाखों का हो रहा मुनाफा
एक बीघा पान की खेती करने में किसान को लगभग 50 हजार रुपये खर्च आता है, जबकि एक मुनाफा एक लाख रुपये तक होता है. वहीं तीन एकड़ में पान की खेती से ढाई से तीन लाख तक मुनाफा होता है.बता दें कि पान की सप्लाई बनारस, लखनऊ, कानपुर, आजमगढ़, प्रतापगढ़ के साथ लोकल मंडी में होती है.
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