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Fraud Detection: देश में बैठे-बैठे अमेरिकियों से की इतने लाख की ठगी, तरीका जानकर दंग रह जाएंगे आप

online banking fraud detection: आरोपियों में शामिल अजय ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है, लेकिन वह पहले अहमदाबाद के एक कॉल सेंटर में काम करता था. इस कारण उसे अंग्रेजी में विदेशी लोगों से फोन पर बात करने में महारत हासिल है. उन्होंने बताया कि आरोपी ‘गूगल वॉइस' मोबाइल ऐप के जरिए अमेरिकी नागरिकों को फोन करते थे और खुद को एजेंट बताकर उन्हें कर्ज दिलाने का झांसा देते थे.

Fraud Detection: देश में बैठे-बैठे अमेरिकियों से की इतने लाख की ठगी, तरीका जानकर दंग रह जाएंगे आप

Cyber Crime in Hindi: इंदौर (Indore) की लसूड़िया थाना पुलिस (Lasudia Police Station) ने दो ऐसे जालसाज को पकड़ने में सफलता हासिल की है, जो देश में बैठे-बैठे विदेशी नागरिकों को लोन दिलाने के नाम पर 15 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी को अंजाम दे चुके हैं.

दरअसल, इंदौर की लसुडिया थाना  पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि होटल किंग इन के सामने सर्विस रोड पर बाम्बे हॉस्पिटल के पास दो व्यक्ति ऑनलाइन कॉलिंग के माध्यम से विदेश के नागरिकों को लोन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर अवैध लाभ अर्जित कर रहे हैं. सूचना पर पुलिस ने तुरंत एक टीम गठित कर दो लोगों को पकड़ कर पूछताछ की, तो दोनों ने अपना नाम गुजरात के रहने वाले अजय तोमर और राहुल माली बताया.

मोबाइल से खुला राज

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अमरेंद्र सिंह ने बताया कि मोबाइल चेक करने पर पता चला कि मोबाइल के माध्यम से गूगल वॉइस एप के जरिए संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिकों को लोन दिलाने के नाम पर बिट पे एप्लीकेशन के माध्यम से उनसे धोखाधड़ी कर विदेशी मुद्रा डॉलर्स अवैध रूप से प्राप्त कर रहे थे. पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से चार मोबाइल जब्त किए गए हैं. वहीं, पुलिस ने बताया कि अहमदाबाद गुजरात के रहने वाले दोनों आरोपी इंदौर में अलग-अलग होटल में रहकर घटना को अंजाम दिया करते थे. बहरहाल, दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि वे विदेशी नागरिकों से लाखों रुपये की जालसाजी कर चुके हैं. फिलहाल, पुलिस ने दोनों आरोपियों से पूछताछ करने के बाद और भी कई खुलासे होने की संभावना जताई है.

ऐसे करते थे धोखाधड़ी

सिंह ने बताया कि आरोपियों में शामिल अजय ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है, लेकिन वह पहले अहमदाबाद के एक कॉल सेंटर में काम करता था. इस कारण उसे अंग्रेजी में विदेशी लोगों से फोन पर बात करने में महारत हासिल है. उन्होंने बताया कि आरोपी ‘गूगल वॉइस' मोबाइल ऐप के जरिए अमेरिकी नागरिकों को फोन करते थे और खुद को एजेंट बताकर उन्हें कर्ज दिलाने का झांसा देते थे. सिंह ने बताया कि आरोपी कर्ज दिलाने के शुल्क (प्रोसेसिंग फीस) के नाम पर अमेरिकी नागरिकों से ऑनलाइन गिफ्ट वाउचर लेते थे और इन्हें अन्य मोबाइल ऐप के जरिये भुना लिया करते थे.

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अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त के मुताबिक विलासितापूर्ण जीवन जीने के शौकीन आरोपियों के खिलाफ सुराग मिले हैं कि वे पिछले एक साल में कर्ज दिलाने के नाम पर अमेरिकी नागरिकों से 15 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 420 (धोखाधड़ी) और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करके विस्तृत जांच की जा रही है.

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