
Tigress Death In MP Kanha Tiger Reserve : टाइगरों के बेहतर आवास और अच्छी संख्या की वजह से एमपी को टाइगर स्टेट के नाम से दुनियाभर में जाना जाता है, लेकिन आए दिन हो रही बाघ-बाघिन की मौत की खबरें इसमें बट्टा साबित हो रही हैं. साथ ही वन्य जीव संरक्षण को लेकर सवाल खड़े कर रही हैं. दरअसल, मंडला जिले के अंतर्गत कान्हा टाइगर रिजर्व में बीते दिन एक बाघिन का शव मिला. शव मिलने से पार्क प्रबंधन में हड़कंप की स्थिति है.
12 साल है मृत बाघिन की मौत
कान्हा में बीते एक पखवाड़े में ये दूसरी बाघिन की मौत हुई है. मंगलावर को जिस बाघिन का शव मिला है, उसका स्थानीय नाम जिला लाइन फीमेल है. जबकि इस बाघिन का टेक्निकल नाम T 58 है. बाघिन का शव पार्क क्षेत्र के चिमटा कैंप राजा कछार के पास मिला है. मृत बाघिन की उम्र करीब 12 साल बताई जा रही है.
बाघों की मौत चिंता का कारण
प्रबंधन के मुताबिक, बाघिन की मौत दो बाघों की आपसी लड़ाई का नतीजा बताया जा रहा है. जानकार मानते हैं कि पार्क में हो रही लगातार बाघों की मौत चिंता का कारण है, जबकि बाघिन की मौतें बड़ी चिंता का कारण है. बताया जाता है कि अमूमन बाघों के बीच संघर्ष दो नर बाघों के बीच होता है.
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बाघिन का अंतिम संस्कार कर दिया गया
लेकिन प्रबंधन के अनुसार आपसी संघर्ष में बाघिन की मौत का बताया जाना किसी शंका की तरफ इशारा करता है. अब से कुछ दिनों पूर्व भी एक मादा बाघिन की मौत हुई थी, जिसे भी आपसी संघर्ष का नतीजा बताया गया था. कान्हा में बाघ की मौत की घटना के बाद प्रबंधन का अक्सर यही जवाब होता है कि मौत आपसी संघर्ष का नतीजा है, जो चिंता का विषय है. फिलहाल मृत बाघिन का 4 चिकित्सकों की निगरानी में पीएम कर प्रबंधन के आला अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया.
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