Notice To Private Hospitals: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में आगामी 15 अगस्त से निजी नर्सिंग होम बंद हो सकते हैं. दरअसल, जबलपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय ने जिले के 90 निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किया है, जिसके चलते जबलपुर अस्पताल संघ (Jabalpur Hospital Association) भड़क गया है. अस्पताल संघ ने सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि यदि नोटिस वापस नहीं लिए गए, तो 15 अगस्त से सभी नर्सिंग होम बंद कर हड़ताल पर चले जाएंगे. इस दौरान सिर्फ आकस्मिक सेवाएं ही चालू रहेंगी.
इस मामले को लेकर निजी अस्पताल संघ के अध्यक्ष अमरेंद्र पांडे ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि 2022 में इंस्पेक्शन किया गया था, तब के भवन अधिकारी ने गलत तरीके से इंस्पेक्शन किया. अस्पताल के भवन की बिल्डिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट सरकार 2016 में खत्म कर चुकी है. 2016 से पहले की बिल्डिंग के लिए उनसे सर्टिफिकेट मांग रहे हैं.
सीएमएचओ पर लगाए ये आरोप
अस्पताल संघ के अध्यक्ष अमरेंद्र पांडे का कहना है कि सीएमएचओ ने वर्ष 2022 का एक नोटिस लिया और यही नोटिस सारे अस्पतालों को दे दिया. उन्होंने सीएमएचओ पर आरोप लगाते हुए कहा, 'वो आपने जो सर्वेक्षण किया वहीं फर्जीवाड़ा किया.' अमरेंद्र पांडे आगे कहते हैं, अब हम लोग परेशान हो चुके हैं. संघ ने साथ मिलकर सामूहिक जवाब दिया है. हमारे अस्पतालों ने निजी तौर पर भी जवाब दिया है, मगर उसके बाद भी यदि ये नोटेशन वापस नहीं लिया जाता तो 15 अगस्त को हम लोग हड़ताल करेंगे.
इसके अलावा अमरेंद्र पांडे ने सीएमएचओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने फेवरेट अस्पताल और नेताओं के अस्पताल को नोटिस नहीं दिए गए. 90 अस्पतालों में से 16 तो पहले से ही बंद हो चुके हैं.
15 अगस्त से होगी स्ट्राइक
अस्पताल संघ के अध्यक्ष डॉ अमरेंद्र पांडे ने कहा कि अगर स्ट्राइक होगी तो पूरी होगी, केवल अस्पताल की नहीं होगी सबकी होगी. उन्होंने कहा कि जब सरकारी डॉक्टरों ने स्ट्राइक करी थी तब IMA ने साथ दिया था. हम सरकारी डॉक्टरों से भी रिक्वेस्ट करेंगे कि पिछली बार हमने आपका साथ दिया तो अब मौका है कि आप भी हमारा साथ दें. अमरेंद्र पांडे ने कहा कि स्ट्राइक के दौरान सारे क्लीनिक बंद होंगे, सब कुछ बंद होगा. इमरजेंसी सर्विसेज हम कभी बंद नहीं करते, वह चालू रहेगी.
क्या है पूरा मामला?
जबलपुर के छोटे-बड़े 90 अस्पतालों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने 30 दिन का नोटिस जारी कर फायर और भवन से जुड़ी एनओसी जमा करने के निर्देश दिए हैं. जिसको लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि यदि NOC नहीं मिलती तो कार्रवाई की जायेगी.
आपको बता दें कि जबलपुर के न्यू लाइफ अस्पताल में हुए अग्निकांड को दो वर्ष हो चुके हैं, लेकिन शहर में निजी अस्पतालों की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है. आज भी अस्पताल के भवन और अग्नि सुरक्षा से जुड़े कई मापदंड पूरे नहीं किए जा रहे हैं.
शहर के कई निजी अस्पतालों में कई कमियां
जबलपुर जिला प्रशासन के निर्देश पर नगर निगम की टीम ने शहर की सभी अस्पतालों का निरीक्षण किया था, जिसमें पाया गया कि कई अस्पतालों में अभी भी कमियां हैं. ऐसे अस्पताल और नर्सिंग होम भवन जो कि संचालन के लिए उपयुक्त नहीं हैं, उनकी सूची भवन अधिकारी ने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपी थी. चौकानें वाली बात यह है कि इस लिस्ट में शहर के कुछ बड़े निजी अस्पताल भी शामिल हैं.
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