
Niwari News: निवाड़ी जिले में रंग पंचमी के दिन हुई महेंद्र कुशवाह की गोली मारकर हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. डीजे ना देने की बात पर हुए विवाद को लेकर आरोपियों ने पहले पार्टी करने का षड्यंत्र रचा और इस दौरान हत्या की वारदात को अंजाम दे दिया. मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे हथियार बरामद किए हैं.
निवाड़ी जिले के वार्ड नंबर-3 में बुधवार रात 9 बजे महेंद्र सिंह कुशवाहा नाम के एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या की वजह डीजे को लेकर हुआ पुराना विवाद बताया जा रहा है. पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक महेंद्र सिंह कुशवाहा और आरोपी सतेंद्र यादव व निक्की अहिरवार के बीच पहले से रंजिश चल रही थी.
होली के दिन हुआ था झगड़ा
होली के समय दोनों के बीच डीजे साउंड सिस्टम को लेकर झगड़ा हुआ था. महेंद्र ने सतेंद्र को डीजे सिस्टम देने से मना कर दिया था, जिससे गुस्साए आरोपियों ने रंगपंचमी के दिन उसे ठिकाने लगाने की साजिश रच ली.
पहले से प्लान थी हत्या
पुलिस ने बताया कि हत्या पहले से प्लान की गई थी. 19 मार्च की रात 8 बजे आरोपियों ने महेंद्र को शराब पार्टी के बहाने बुलाया. जैसे ही महेंद्र वहां पहुंचा, सतेंद्र ने गले पर कट्टा रखकर फायर कर दिया. गोली सीधे गले में लगी और मौके पर ही मौत हो गई.
48 घंटे में दबोचे गए आरोपी
हत्या के बाद आरोपी भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन पुलिस ने सख्ती से जांच करते हुए 48 घंटे के अंदर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. मामले में पुलिस ने सतेंद्र यादव (36)और निक्की अहिरवार (33) को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से कट्टा, एक कारतूस और एक खोखा के साथ काले रंग की बाइक जब्त की है.
पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई थी. सक्रिय मुखबिर तंत्र और तकनीकी जांच की मदद से आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की गई. व्याटा के जंगल में लोकेशन मिलने पर आरोपियों की घेराबंदी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.
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डीजे नहीं दिया तो कर दी हत्या
निवाड़ी पुलिस अधीक्षक डॉक्टर राय सिंह नरवरिया ने बताया कि होली के समय सतेंद्र यादव ने महेंद्र से डीजे सिस्टम मांगा था, लेकिन महेंद्र ने देने से इनकार कर दिया. इसी बात को लेकर दोनों के बीच दुश्मनी हो गई. इसके अलावा, निक्की अहिरवार को भी महेंद्र से निजी रंजिश थी, क्योंकि महेंद्र की निक्की की पत्नी से फोन पर बातचीत होती थी. दोनों आरोपियों ने मिलकर महेंद्र को ठिकाने लगाने की योजना बनाई. हत्या के लिए आरोपियों ने राजेंद्र दुबे के खाली प्लॉट को चुना.
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