
भिंड-इटावा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-719) पर हुए दर्दनाक हादसे का पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. इस हादसे में पांच लोगों की मौत हुई थी. जांच के बाद पता चला कि जिस कैंटर ने दो बाइकों को टक्कर मारी थी, उसे कोई ड्राइवर नहीं बल्कि खुद कैंटर का मालिक चला रहा था. हैरानी की बात यह है कि उसने अपने दोस्त को ड्राइवर बताकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी.
दरअसल, यह घटना 30 नवंबर की है, जब फूप थाना क्षेत्र के टेडी पुलिया के पास एक तेज रफ्तार कैंटर ने दो बाइकों को जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मौके पर ही एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई, जबकि पांचवां व्यक्ति अस्पताल में दम तोड़ गया. हादसा इतना भयावह था कि मौके पर चीख-पुकार मच गई और पूरे इलाके में सन्नाटा छा गया.
पुलिस जांच में सामने आया सच
शुरुआत में कैंटर मालिक ने पुलिस को बताया कि हादसे के वक्त गाड़ी उसका ड्राइवर चला रहा था. उसने अपने एक साथी को ड्राइवर बनाकर पुलिस के सामने पेश भी किया. लेकिन पुलिस ने जब तकनीकी साक्ष्य, गवाहों के बयान और सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की, तो सच्चाई सामने आ गई. जांच में साफ हुआ कि हादसे के समय कैंटर मालिक खुद गाड़ी चला रहा था और वही पूरी घटना का असली जिम्मेदार है.
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गिरफ्तारी और कार्रवाई
सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस ने कैंटर मालिक और उसके साथी दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. दोनों पर साक्ष्य छुपाने, गलत जानकारी देने और न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. फूप थाना प्रभारी सतेंद्र राजपूत ने बताया कि जांच के दौरान मिले सबूतों से यह साबित हो गया कि मालिक ने ही दुर्घटना की और अपने साथी को ‘चारा' बनाकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी.
NH-719: क्यों कहलाता है ‘मौत का हाईवे'?
भिंड-इटावा राष्ट्रीय राजमार्ग-719 को लोग मजाक में नहीं, बल्कि हकीकत में ‘मौत का हाईवे' कहते हैं. इस सड़क पर आए दिन हादसे होते रहते हैं. इसी साल फरवरी में भी एक ट्रक और कैंटर की जोरदार भिड़ंत में दोनों वाहनों के परखच्चे उड़ गए थे और दोनों ड्राइवरों की मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं 28 जनवरी 2025 को इसी हाईवे पर एक बस पलटने से 11 यात्री घायल हो गए थे. बार-बार होने वाले इन हादसों ने सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.