MP News in Hindi: मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचे नेपाल के पूर्व केंद्रीय मंत्री विश्वेंद्र पासवान ने देश में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है. इसके अलावा उन्होंने फरवरी में नेपाल के काठमांडू में होने जा रहे सार्क देशों के सम्मेलन में कई प्रतिनिधि आएंगे और सभी एक सुर में भारत में जातिगत जनगणना की मांग उठाएंगे. वहीं उन्होंने बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मैं उनके विचार का स्वागत करता हूं, लेकिन उन्हें अपने अंदर की गैर बराबरी की मानसिकता को दूर करना चाहिए.
काठमांडू सार्क सम्मेलन में उठाएंगे जातिगत जनगणना की मांग
ग्वालियर OBC महासभा के नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नेपाल के पूर्व केंद्रीय मंत्री विश्वेंद्र पासवान ने जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग PM मोदी से करते हुए कहा कि मोदी जी को इसके लिए कैबिनेट से बिल पास करना चाहिए. सामाजिक न्याय के लिए ये जरूरी है कि देश में जाति का जनगणना कराई जाए. उन्होंने जातिगत जनगणना को सार्क देश का मुद्दा बताया और कहा कि काशीराम जी और शरद यादव भी जातिगत जनगणना के पक्षधर थे.
उन्होंने कहा कि नेपाल के काठमांडू में फरवरी में होने जा रहे सार्क देशों के सम्मेलन में कई प्रतिनिधि आएंगे और सभी एक सुर में भारत में जातिगत जनगणना की मांग उठाएंगे.
धीरेंद्र शास्त्री पर उठाये सवाल
वहीं बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा पर सवाल खड़े करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री विश्वेंद्र पासवान ने कहा कि हिंदुओं की एकता के विचार को मैं स्वागत करता हूं, लेकिन उन्हें अपने अंदर की गैर बराबरी की मानसिकता को दूर करना चाहिए, क्योंकि मानव अधिकार की रक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. अगर आप न्याय चाहते हैं तो दूसरे को भी न्याय देना होगा. हम 1972 से एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं. संविधान तैयार होने से पहले भी सामाजिक न्याय की बात बाबा साहब अंबेडकर ने की है. इसलिए हम सभी राजनीतिक दलों से यह मांग करते हैं जातिगत जनगणना कराई जानी चाहिए.
हिंदू एक जात नहीं संस्कार है...
उन्होंने बांग्लादेश में हो रही हिंदुओं पर हिंसा को लेकर कहा कि वहां पर हिंदुओं पर हिंसा बंद की जानी चाहिए. सभी को समानता के साथ जीने का अधिकार है, इसलिए बांग्लादेश में हिंदुओं को भी समानता के साथ जीने का पूर्ण अधिकार है. हिंदू एक जात नहीं है एक संस्कार है. इसलिए संस्कारों को सम्मान मिलना चाहिए.
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