MP News in Hindi : मध्यप्रदेश के डिंडोरी में सरकारी सिस्टम की लापरवाही के चलते सैकड़ों क्विंटल अनाज सड़कर बर्बाद हो गया. जिले की तीन ओपन कैब में करीब तीन साल से खुले आसमान के नीचे रखा 11677 क्विंटल धान सड़कर पूरी तरह से बर्बाद हो गया. वहीं, निगवानी स्थित वेयरहाउस के गोदाम क्रमांक 16 में करीब 548 क्विंटल गेंहू,चना और मसूर सड़कर बर्बाद हो चुका है. हैरान करने वाली बात यह है कि नागरिक आपूर्ति निगम,मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग लॉजिस्टिक कारपोरेशन और खाद्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानकर भी अंजान हैं.
धान की सुरक्षा के जरुरी इंतज़ाम क्यों नहीं?
पहला मामला : अमरपुर विकासखंड के चांदपुर गांव में स्थित ओपन कैब की है, जहां वर्ष 2022 -23 में सैंकड़ों क्विंटल धान का भंडारण किया गया था. लेकिन ओपन कैब प्रबंधन ने धान की सुरक्षा के जरुरी इंतज़ाम नहीं किए, जिसके कारण 8785 क्विंटल धान सड़कर बर्बाद हो गया. आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि धान पूरी तरह से काली पड़ चुकी है, और उसमें कीड़े लग चुके हैं, जिसे जानवर भी खाना पसंद नहीं करेंगे.
11677 क्विंटल धान की बर्बादी हुई
न सिर्फ चांदपुर में बल्कि निगरानी और धमनगांव ओपन कैब मिलाकर जिले में 11677 क्विंटल धान की बर्बादी हुई है. मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक्स कारपोरेशन विभाग के जिला प्रबंधक होती लाल मरावी से जब हमने धान बर्बादी को लेकर सवाल किया, तो उनका कहना है कि ओपन कैब संचालक की लापरवाही के चलते धान बर्बाद हुआ है, जिसकी जानकारी उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को दी है. लेकिन दो साल गुजर जाने के बाद भी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है.
दूसरा मामला: जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर निगवानी वेयरहाउस की है, जहां गोदाम क्रमांक 16 में कोरोनाकाल के दौरान करीब 550 क्विंटल गेंहू,चना और मसूर का भंडारण किया गया था, जो रखरखाव में लापरवाही के चलते सड़कर ख़राब हो गया. नाकामियों को छिपाने के लिए गोदाम में तैनात कर्मचारियों ने गोदाम क्रमांक 16 में ताला लगा दिया. मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन विभाग के जिला प्रबंधक होतीलाल मरावी से जब हमने निगरानी के गोदाम क्रमांक 16 में भंडारित अनाज की बर्बादी को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने बताया की समय पर उठाव नहीं हो पाने की वजह से करीब 550 क्विंटल गेहूं,चना व मसूर बर्बाद होना बता रहे हैं. वेयरहाउस में भंडारित अनाज के रखरखाव की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन विभाग की होती है.
जांच और कार्रवाई का आश्वासन
निगवानी वेयरहाउस के ही गोदाम क्रमांक 14 में सैंकड़ों क्विंटल ख़राब चावल रखा हुआ है, जिसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना के तहत सरकारी राशन दुकानों के जरिये गरीबों को वितरित किया जाना है. सरकारी राशन की दुकानों में गरीबों को इल्ली व फफूंद लगा हुआ चावल थमाया जा रहा है. डिंडौरी विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम ने सरकारी राशन दुकानों से गरीबों को दिए जा रहे घटिया चावल मामले में प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है. वहीं, बीजेपी नेता पंकज तेकाम ने मामले में संज्ञान लेते हुए जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया.
यहां इल्ली और फफूंद लगा चावल बांटा जा रहा था
बीते दिनों बटौन्धा गांव के सरकारी राशन दुकान में इल्ली और फफूंद लगा चावल गरीबों को बांटा जा रहा था, जिसकी शिकायत के बाद खाद्य विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई की थी. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि धान खरीदी के वक्त जब किसानों से गुणवत्तायुक्त धान खरीदा जाता है, और उसी धान का चावल मिलिंग के बाद घटिया कैसे हो जाता है. मिलिंग के बाद घटिया चावल वेयर हाउस के अंदर कैसे पहुंच जाता है जबकि सभी वेयरहाउस में अनाज की गुणवत्ता जांचने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम विभाग से गुणवत्ता निरीक्षक तैनात रहते हैं.
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कैमरे के सामने अधिकारियों ने साध ली चुप्पी
इस मामले को लेकर गुरुवार को नागरिक आपूर्ति निगम और मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग लॉजिस्टिक कारपोरेशन विभाग के संभागीय प्रबंधक डिंडोरी में सरकारी वेयर हाउस में रखे घटिया चावल की जांच करने के लिए पहुंचे हैं. यहां आए दोनों अधिकारियों से भी NDTV ने बात करने की कोशिश की. लेकिन अधिकारियों ने कैमरे पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.
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