
CM Mohan Yadav On National Scientific Conference : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार 27 मार्च को उज्जैन में हो रहे राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन/ विज्ञान उत्सव और 40वें मध्यप्रदेश युवा वैज्ञानिक सम्मेलन का समत्व भवन (CM House) से वर्चुअल रूप से शुभारंभ किया. इस बीच सीएम ने कहा- प्रकृति के अनेक रहस्य सुलझाने की क्षमता विज्ञान में हैं. आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग से अनेक क्षेत्रों में बड़े परिवर्तन हो रहे हैं. फार्मिंग से लेकर फाइनेंस तक मैन्युफैक्चरिंग से लेकर मेडिसिन तक और एजुकेशन से लेकर कम्यूनिकेशन तक प्रत्येक क्षेत्र का स्वरूप परिवर्तित हो रहा है.
ये महत्वपूर्ण कदम
पीएम मोदी के नेतृत्व में गत एक दशक में भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तीव्र प्रगति की है. राष्ट्र में एक नई ऊर्जा और शक्ति का संचार हुआ है. मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की विजनरी नीति का ही परिणाम है कि भारत डिफेंस और अन्तरिक्ष के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है. भारत इस क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बन रहा है. मध्यप्रदेश शासन द्वारा शीघ्र ही स्पेस पॉलिसी बनाई जाएगी. प्रदेश में इसरो के केंद्र की शुरुआत के लिए भी मंथन प्रारंभ किया गया है. हाल ही में जीआईएस के दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग पर केंद्रित 4 नीतियों को लागू करने की पहल इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
'MP को बनाएंगे टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब'
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान का उपयोग बढ़ाया जाएगा. प्रदेश को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब बनाया जाएगा. हाल ही में इसरो ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट अर्थात स्पैडेक्स सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग करते हुए इतिहास रच दिया है. इसके लिए इसरो की टीम बधाई की पात्र है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वैज्ञानिक समाज और विज्ञान प्रौद्योगिकी से जुड़े संस्थानों के सहयोग से मध्यप्रदेश में इसरो की तरह एक केंद्र के विकास पर भी विचार किया जाएगा. वर्तमान में दक्षिण भारत ही ऐसी गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है.
भूमि सर्वेक्षण का पायलट प्रोजेक्ट शुरू
उत्तर और मध्य भारत में इस तरह के केंद्र का अभाव है. प्रदेश में चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों में भी विज्ञान का प्रयोग बढ़ रहा है. विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग हो रहा है. मध्यप्रदेश में ड्रोन के माध्यम से राजस्व के क्षेत्र में भी नक्शे बनाने की शुरूआत की गई है. रायसेन से राष्ट्रीय स्तर पर शहरी बस्तियों के भूमि सर्वेक्षण का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ. प्रदेश के अन्य शहरों में भी जमीन,भूखण्ड और बस्तियों का डिजिटल नक्शा बनाने की पहल हुई है. इससे संपत्ति के स्वामित्व के रिकार्ड्स रखना आसान होगा. अनेक क्षेत्रों में विज्ञान का उपयोग कार्यों को आसान बना रहा है.
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जल्द होगा इनके बीच अनुबंध
राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र हैदराबाद के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव वैज्ञानिक सोच रखते हैं, जिस तरह देश डिफेंस प्रोडक्शन, स्पेस और बॉयो टेक्नालॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, मध्यप्रदेश भी इन क्षेत्रों में प्रयासरत है. प्रधानमंत्री मोदी ने स्पेस पॉलिसी-2023 लाने का कार्य किया है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ऐसे चंद मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं जो इस क्षेत्र में नवाचार के लिए उत्साहित हैं. युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के लिए शीघ्र ही मेपकास्ट के सहयोग से अनुबंध किया जाएगा. कृषि बीमा योजना जैसे कार्य स्पेस टेक्नोलॉजी के माध्यम से हो रहे हैं.
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