National Milk Day 2024 Dr Verghese Kurien Birth Anniversary: दुग्ध उत्पादन (Milk Production) में मध्यप्रदेश भारत के अग्रणी राज्यों में शामिल है. यहां दुग्ध उत्पादक किसान न केवल बड़ी मात्रा में दूध का उत्पादन कर रहे हैं, अपितु दुग्ध और दुग्ध उत्पादों के विक्रय से अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. भारत का नौ प्रतिशत दुग्ध उत्पादन मध्यप्रदेश में होता है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) का संकल्प है कि प्रदेश का दुग्ध उत्पादन, देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 20% तक पहुंचे. मध्यप्रदेश दुग्ध संघ का सांची ब्रांड (Sanchi Milk) वाजिब दामों में उच्च गुणवत्ता युक्त नए-नए दुग्ध एवं अन्य उत्पाद बाजार में ला रहा है, जिससे सदस्य किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है. प्रदेश में कृषि को लाभ का धंधा बनाने में दुग्ध उत्पादन का भी महत्वपूर्ण स्थान है.
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस
— Dept of Animal Husbandry & Dairying, Min of FAH&D (@Dept_of_AHD) November 26, 2024
क्या आप जानते हैं?
भारत में दूध उत्पादन में क्रांति लाने वाला ऑपरेशन फ्लड एक ऐतिहासिक पहल थी। इसका उद्देश्य किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाना था। डॉ. वर्गीज कुरियन की अगुवाई में शुरू हुआ यह अभियान भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश… pic.twitter.com/GadWkZYtrO
क्या कहते हैं MP के आंकड़े?
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री लखन पटेल ने बताया कि भारत में दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश का तीसरा स्थान है. प्रदेश में 591 लाख किलोग्राम प्रतिदिन दूध का उत्पादन होता है. मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति दुग्ध की उपलब्धता 644 ग्राम प्रतिदिन है, जबकि राष्ट्रीय औसत 459 ग्राम प्रतिदिन का है. प्रदेश में 7.5% पशुधन है, जबकि राष्ट्रीय औसत 5.05 प्रतिशत का है. वर्ष 2019 की पशु संगणना के अनुसार मध्यप्रदेश में गौ-वंश पशु संख्या देश में तीसरे स्थान पर 187.50 लाख है, वही भैंस वंश पशु संख्या चौथे स्थान पर 103.5 लाख है. प्रदेश में पशुओं के उपचार के लिए चलित पशु चिकित्सा वाहन (1962) संचालित है, जो कि स्थान पर जाकर पशुओं का इलाज करते हैं.
मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 द्वारा बरखेड़ी डोब, भोपाल में बनाई जा रही हाईटेक गौशाला का 23 नवंबर 2024 को किया जाएगा भूमिपूजन
— Animal Husbandry Department, MP (@mp_husbandry) November 22, 2024
पशुपालन एवं डेयर विभाग, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री @Lakhan_BJP भी उपस्थित रहेंगे@CMMadhyaPradesh@JansamparkMP @CollectorBhopal pic.twitter.com/yXMYVN9mFq
कमाई का जरिया बना पशुपालन
प्रदेश में कृषि कार्य के साथ ही पशुपालन, किसानों की आय बढ़ाने का बड़ा जरिया बन गया है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से भी प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए करारनामा हुआ है. किसानों और पशुपालकों को प्रोत्साहन के लिए दुग्ध उत्पादन पर बोनस दिया जायेगा. देशी गाय और अच्छी नस्ल के देशी नंदी के पालन के लिए मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास योजना में भी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है. किसानों को गौ-पालन और सौर संयंत्रों के प्रयोग पर सरकार प्रोत्साहन दे रही है.
प्रदेश में गौ-वंश के बेहतर आहार के लिये प्रति गौ-वंश मिलने वाली 20 रुपये की राशि बढ़ाकर 40 रुपये करने का निर्णय लिया गया है. मार्गों पर दुर्घटना में घायल गायों के लिये हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग वाहन की व्यवस्था की गई है. ग्वालियर स्थित आदर्श गौ-शाला में देश के पहले 100 टन क्षमता वाले सीएनजी प्लांट की स्थापना की गई है. दुग्ध उत्पादन और ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने प्रदेश के हर ब्लॉक में एक गाँव वृंदावन गांव बनाया जा रहा है. प्रदेश में मई 2023 से प्रारंभ 406 चलित पशु चिकित्सा इकाइयों द्वारा अब तक 5 लाख 46 हजार से अधिक पशुओं को घर पहुंच चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
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