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MY Hospital News: इंदौर के अस्पताल में जिन दो नवजातों के हाथों को चूहों ने कुतरा, दोनों की हो गई मौत

Indore MY Hospital News: इंदौर के एमवाय अस्पताल के अधीक्षक अशोक यादव ने कथित रूप से चूहों के कुतरने से नवजात की मौत के मामले में बुधवार को बातचीत की. उन्होंने बताया कि दोनों बच्चे कंजेटियल एनीमीज से पीड़ित थे और बाहर से रेफर होकर आए थे. एक का वजन मात्र एक किलो और दूसरे का 1.6 किलो था और हीमोग्लोबिन भी कम था.

MY Hospital News: इंदौर के अस्पताल में जिन दो नवजातों के हाथों को चूहों ने कुतरा, दोनों की हो गई मौत

MY Hospital Latest Update News:  इंदौर के  सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महाराजा यशवंत हॉस्पिटल में जिन दो नवजातों के हाथों को चूहों ने कुतर दिया था, उन दोनों मासूमों की मौत हो गई है. दूसरी बच्ची की मौत बुधवार दोपहर को हो गई. इससे पहले मंगलवार को एक बच्चे ने दम तोड़ दिया था. तब अस्पताल की ओर से कहा गया था कि नवजात की मौत चूहों के काटने से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी वजह से हुई है. अस्पताल की ओर से बताया गया था कि नवजात का वजन 1.2 किलो था. इसी के साथ शिशु में हीमोग्लोबिन भी कम था. साथ ही नवजात में सर्जिकल संबंधित तकलीफें भी थीं. जानकारी के अनुसार, इस नवजात को उसके परिजन भी छोड़कर चले गए थे.

बुधवार को जिस बच्ची ने दम तोड़ दिया, उसे देवास से रेफर किया गया था. दरअसल, इस बच्ची को भी कंजेटियल एनीमी और हाथों में विकृति थी. 7 दिन पहले उसका ऑपरेशन भी हुआ था, लेकिन 3-4 दिन से हालत सही नहीं होने से उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था.  अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ जितेन्द्र वरमा ने बताया कि चूहे के कुतरने का हादसा उंगली पर हुआ था, पर मामूली था. लेकिन, मौत कंजेटियल एनीमी के कारण हुई है. 15 दिन की यह बच्ची का वजन बहुत कम था. 

अस्ताल ने मौत की ये बताई वजह

इंदौर के एमवाय अस्पताल में दो नवजातों के हाथों में चूहों के कुतरने की खबरों से हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, जिन दो नवजातों को कथित रूप से चूहों ने कुतरा था, उन दोनों की मौत हो गई है. यह मुद्दा जब पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना तो एमवाय अस्पताल के अधीक्षक अशोक यादव खुद मीडिया के सामने आए और उन्होंने बच्चे की मौत की असली वजह बताई.

इस वजह से हुई मौत

इंदौर के एमवाय अस्पताल के अधीक्षक अशोक यादव ने इस मुद्दे पर मीडिया से बुधवार को बातचीत की. उन्होंने बताया कि दोनों बच्चे कंजेटियल एनीमीज से पीड़ित थे और बाहर से रेफर होकर आए थे. एक का वजन मात्र एक किलो और दूसरे का 1.6 किलो था और हीमोग्लोबिन भी कम था. उन्होंने आगे कहा कि बच्चों पर बाइट के निशान मौजूद पर उस से मौत नहीं होती है.

अस्पताल में मीडिया के जाने पर लगाई रोक

हालांकि, इस पूरे मामले में हैरानी की बात ये है कि सरकारी अस्पताल होने के बावजूद मीडिया को अंदर जाने से रोका जा रहा है. अस्पताल में बाउंसर तैनात कर दिए गए हैं और खासतौर पर मीडिया को दूसरी मंजिल यानी जहां NICU है, वहां जाने से रोका जा रहा है.

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गौरतलब है कि इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (Maharaja Yeshwantrao Hospital) में रविवार को जन्म लेने वाले दो नवजातों के हाथ चूहों ने कुतर दिए. इस घटना के खुलासे के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में जांच के आदेश दिए गए. वहीं, इस अमानवीय घटना के बाद इंदौर में सियासत भी गरमा गई है. प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने घटना को लेकर सीधे प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही न्यायिक जांच की मांग की है.

मानव अधिकार आयोग ने थमाया नोटिस

इंदौर में नवजातों के हाथों में चूहों के काटने का मामला उजागर होने के बाद कांग्रेस ने मानवाधिकार में शिकायत की थी, जिसके बाद मानव अधिकार ने इसे संज्ञान में लिया और 1 महीने के अंदर अस्पताल से जवाब मांगा है.  गौरतलब है कि ब्लॉक अध्यक्ष ने एमवाय अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की.

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